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क्राफ्ट पेपर के मूल्य वृद्धि के विरोध में हड़ताल जारी, पीएम कार्यालय पर ज्ञापन देंगे उद्यमी

क्राफ्ट पेपर के मूल्य वृद्धि से खफा पैकेजिंग उद्यमियों ने हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को बैठक कर विरोध दर्ज कराया। वाराणसी के मंडुवाडीह स्थित होटल में हुई उत्तर प्रदेश कारू गेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चर एसोसिएशन की बैठक में तय किया गया कि केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित कराने को हड़ताल के अंतिम दिन बुधवार को प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपा जाएगा।इस दौरान दूसरे दिन भी पैकेजिंग उद्योग बंद रहा। उद्यमियों ने चेताया कि यदि सरकार की तंद्रा फिर भी नहीं टूटी तो पूरे प्रदेश में पैकेजिंग उद्योग अपना उत्पादन ठप करेंगे, जिसका परिणाम अन्य सभी उद्योगों के उत्पादन पर भी पड़ेगा।उत्तर प्रदेश कारुगेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन की वाराणसी ईकाई के अध्यक्ष राजेश भाटिया ने बताया कि मात्र 2 माह में पैकेजिंग उद्योग में प्रयोग होने वाला कच्चा माल क्राफ्ट पेपर के मूल्यों में लगभग 60 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ज्ञापन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहते हैं कि क्राफ्ट पेपर के मूल्यों की अप्रत्याशित वृद्धि पर नियंत्रण लगाए। जरूरी है कि क्राफ्ट पेपर निर्माता इकाइयों व वेस्ट पेपर (रद्दी कागज) के डीलरों पर अंकुश लगाते हुए अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि को वापस लिया जाए। वहीं क्राफ्ट पेपर के निर्यात पर अविलंब रोक लगे। सरकार को क्राफ्ट पेपर से लेमिनेशन करके निर्मित होने वाले पेपर प्लेट उद्योग पर भी रोक लगानी चाहिए, क्योंकि क्राफ्ट पेपर पर लेमिनेशन हो जाने के बाद यह दोबारा रीसायकल करके पुनः क्राफ्ट पेपर बनने योग्य नहीं रह जाता है। यह एक तरह से प्लास्टिक वेस्ट के ही समान हो जाता है। बैठक में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप जायसवाल एवं मोहम्मद सादिक, महासचिव संजय लखमानी, राजेश जायसवाल, कार्तिक जायसवाल, महिपाल गुप्ता, उमा शंकर श्रीवास्तव, रंजीत जयसवाल, प्रिंस वर्मा, विजय गांधी, दिनेश चौरसिया, लोकेश अग्रवाल आदि उद्यमी उपस्थित रहे।

क्राफ्ट पेपर के मूल्य वृद्धि से खफा पैकेजिंग उद्यमियों ने हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को बैठक कर विरोध दर्ज कराया। वाराणसी के मंडुवाडीह स्थित होटल में हुई उत्तर प्रदेश कारू गेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चर एसोसिएशन की बैठक में तय किया गया कि केंद्र व राज्य सरकार का ध्यान आकर्षित कराने को हड़ताल के अंतिम दिन बुधवार को प्रधानमंत्री संसदीय कार्यालय में ज्ञापन सौंपा जाएगा।

इस दौरान दूसरे दिन भी पैकेजिंग उद्योग बंद रहा। उद्यमियों ने चेताया कि यदि सरकार की तंद्रा फिर भी नहीं टूटी तो पूरे प्रदेश में पैकेजिंग उद्योग अपना उत्पादन ठप करेंगे, जिसका परिणाम अन्य सभी उद्योगों के उत्पादन पर भी पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश कारुगेटेड बॉक्स मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन की वाराणसी ईकाई के अध्यक्ष राजेश भाटिया ने बताया कि मात्र 2 माह में पैकेजिंग उद्योग में प्रयोग होने वाला कच्चा माल क्राफ्ट पेपर के मूल्यों में लगभग 60 प्रतिशत की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। ज्ञापन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराना चाहते हैं कि क्राफ्ट पेपर के मूल्यों की अप्रत्याशित वृद्धि पर नियंत्रण लगाए।
जरूरी है कि क्राफ्ट पेपर निर्माता इकाइयों व वेस्ट पेपर (रद्दी कागज) के डीलरों पर अंकुश लगाते हुए अप्रत्याशित मूल्य वृद्धि को वापस लिया जाए। वहीं क्राफ्ट पेपर के निर्यात पर अविलंब रोक लगे। सरकार को क्राफ्ट पेपर से लेमिनेशन करके निर्मित होने वाले पेपर प्लेट उद्योग पर भी रोक लगानी चाहिए, क्योंकि क्राफ्ट पेपर पर लेमिनेशन हो जाने के बाद यह दोबारा रीसायकल करके पुनः क्राफ्ट पेपर बनने योग्य नहीं रह जाता है। यह एक तरह से प्लास्टिक वेस्ट के ही समान हो जाता है।
बैठक में एसोसिएशन के उपाध्यक्ष प्रदीप जायसवाल एवं मोहम्मद सादिक, महासचिव संजय लखमानी, राजेश जायसवाल, कार्तिक जायसवाल, महिपाल गुप्ता, उमा शंकर श्रीवास्तव, रंजीत जयसवाल, प्रिंस वर्मा, विजय गांधी, दिनेश चौरसिया, लोकेश अग्रवाल आदि उद्यमी उपस्थित रहे।