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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपनी वेबसाइट पर पीसीएस-2018 के अंकपत्र जारी किए थे, लेकिन तकनीकी अड़चन के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपने अंकपत्र नहीं देख सके। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति और कई छात्रों की ओर से आयोग को ज्ञापन देकर मांग की गई है कि छात्रों को उनकी मार्कशीट दिखाई जाए, वरना छात्र मजबूर होकर न्यायालय की शरण में जाएंगे।आयोग ने 19 जनवरी को पीसीएस-2018 की मार्कशीट एवं श्रेणीवार कटऑफ अंक जारी किए थे। उस वक्त तकनीकी गड़बड़ी के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपनी मार्कशीट नहीं देख सके। इससे परेशान अभ्यर्थियों ने आयोग में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का दावा है कि सैकड़ों अभ्यर्थी अपने अंकपत्र नहीं देख सके।अंतिम तिथि बीत चुकी है। आयोग की वेबसाइट मार्कशीट उपलब्ध नहीं है। अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि आयोग उनकी मार्कशीट को सार्वजनिक क्यों नहीं करा है। उन्हें आशंका है कि कहीं अंकों या उनकी कॉपियों के साथ हेरफेर तो नहीं किया गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय एवं पीसीएस-2018 की परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर आयोग ने मार्कशीट सार्वजनिक नहीं की तो उन्हें मजबूरी में न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) ने अपनी वेबसाइट पर पीसीएस-2018 के अंकपत्र जारी किए थे, लेकिन तकनीकी अड़चन के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपने अंकपत्र नहीं देख सके। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति और कई छात्रों की ओर से आयोग को ज्ञापन देकर मांग की गई है कि छात्रों को उनकी मार्कशीट दिखाई जाए, वरना छात्र मजबूर होकर न्यायालय की शरण में जाएंगे।
आयोग ने 19 जनवरी को पीसीएस-2018 की मार्कशीट एवं श्रेणीवार कटऑफ अंक जारी किए थे। उस वक्त तकनीकी गड़बड़ी के कारण बड़ी संख्या में अभ्यर्थी अपनी मार्कशीट नहीं देख सके। इससे परेशान अभ्यर्थियों ने आयोग में अपनी शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का दावा है कि सैकड़ों अभ्यर्थी अपने अंकपत्र नहीं देख सके।
अंतिम तिथि बीत चुकी है। आयोग की वेबसाइट मार्कशीट उपलब्ध नहीं है। अभ्यर्थी सवाल उठा रहे हैं कि आयोग उनकी मार्कशीट को सार्वजनिक क्यों नहीं करा है। उन्हें आशंका है कि कहीं अंकों या उनकी कॉपियों के साथ हेरफेर तो नहीं किया गया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय एवं पीसीएस-2018 की परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर आयोग ने मार्कशीट सार्वजनिक नहीं की तो उन्हें मजबूरी में न्यायालय की शरण में जाना पड़ेगा।
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