नगर निगम का बजट सत्र 2018-19 का दूसरा दिन काला दिवस के तौर पर दर्ज हो गया। मंगलवार को महापौर प्रमोद दुबे ने बजट पेश किया था। इसके बाद बुधवार को ज्यों ही कार्यवाही शुरू हुई, सभापति प्रफुल्ल विश्वकर्मा ने भाजपा पार्षद श्याम चावला का नाम चर्चा के लिए पुकारा।
चावला बोलते बोलते आक्रोशित हो गए, वे अपने वार्ड की सफाई व्यवस्था से नाराज थे। 30 सफाई कर्मी और ऊपर से सफाई ठेकेदार की दादागिरी। देखते ही देखते चावला ने बजट की प्रति उठाया, बोले- ‘मैं पुस्तिका फाड़ रहा हूं, यही मेरा विरोध है।
उन्होंने इसे फाड़ कर भरे सदन में हवा में उछाल दी। इस पर महापौर ने कहा कि बजट में राज्य के मुखिया की भी फोटो है, उसे फाड़कर उनका भी अपमान किया जा रहा है। इसके बाद कांग्रेस पार्षद आग बबूला हो गए।
वे पार्षद चावला पर कार्रवाई की मांग लेकर आसंदी के ऊपर लेट गए, हंगामा करने लगे। करीब एक घंटे तक पूरा घटनाक्रम चला। पार्षद चावला और एमआईसी सदस्य सतनाम पनाग को अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने का दोषी पाते हुए सभापति विश्वकर्मा ने सदन से निष्कासित कर दिया।
वहीं देर शाम बजट भी 26-31 के मत से गिर गया। पूर्व महापौर डॉ. किरणमयी नायक के कार्यकाल में भी बतौर विपक्ष भाजपा ने सदन में बजट की प्रति फाड़ी थी।
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