Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

दलहन, तिलहन के साथ फल-सब्जियां और नगदी फसलों को दें बढ़ावाःकमिश्नर श्री चुरेन्द्र

किसानों को अच्छी आय के लिए दलहन, तिलहन के साथ साग सब्जियां और नगदी फसलों के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्हें पशुपालन, मुर्गीपालन आदि गतिविधियों से जोड़ने की भी आवश्यकता है। यह बातें कमिश्नर श्री जीआर चुरेन्द्र ने फसल पद्धति और कृषि वानिकी पर कार्ययोजना तैयार करने के लिए आयोजित बैठक में कही। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए कृषि, उद्यानिकी, मत्स्य, पशुपालन, भू-संरक्षण, वन आदि विभागों के माध्यम से संचालित विभिन्न योजनाओं से जोड़ने, किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
    बैठक की अध्यक्षता कर रहे संभायुक्त श्री चुरेन्द्र ने कहा कि ग्रामीणों को अधिक आय के लिए अलग-अलग किस्म के फसलों की खेती आवश्यक है। इसके साथ ही उन्हें अच्छी आय के लिए फसलों के प्रसंस्करण पर भी जोर देने की आवश्यकता है। बस्तर अंचल में प्रचुर मात्रा में वनोपज होने के कारण यहां वनोपज प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी असीम संभावनाएं हैं।
    कमिश्नर ने खर्च में कम होने के साथ ही पर्यावरण के लिए अनुकुल होने के कारण जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देने की जरुरत बताई। उन्होंने कहा कि रासायनिक खाद की बजाए जैविक खाद के उपयोग से खेती-किसानी की लागत कम होने से भी किसानों को अधिक लाभ होगा। उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में भी तेजी से कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी शासकीय भवनों के साथ ही शासकीय कार्यालय परिसर में सोख्ता पीट अनिवार्य तौर पर बनाया जाए। गांवों में अधिक से अधिक संख्या में कुआंे और तालाबों का खनन पर भी उन्होंने जोर दिया। उन्होंने जल, जंगल, जमीन और खनिज पर सभी का समान अधिकार बताते हुए इसका संरक्षण आवश्यक बताया। उन्होंने बढ़ते पर्यावरण प्रदुषण और जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण की आवश्कता बताई। उन्होंने वृक्षारोपण के साथ ही इनकी सुरक्षा के संबंध में भी निर्देशित किया।
    इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर श्री बीएस सिदार, कृषि विभाग के संयुक्त संचालक सहित सभी जिलों के कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्यपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।