कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने ई-कामर्स और जीएसटी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने की मांग की है। कैट का कहना है कि ई-कामर्स व्यापार को विदेशी कंपनियों की कुटिल प्रथाओं के चंगुल से निकालने के लिए प्रधानमंत्री को हस्तक्षेप करना चाहिए।
कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव ने कहा कि पहले यह कहा गया था कि व्यापारियों को केवल एक बार जीएसटी पोर्टल पर अपनी बिक्री के विवरण अपलोड करना आवश्यक होगा और उसके बाद पोर्टल ही स्वचालित रूप से बाकी सब कार्रवाई करेगा। व्यापारियों को केवल कर जमा कराना एवं रिटर्न जमा करना होगा।
लेकिन अब जीएसटी को सबसे जटिल कर प्रणाली बना दिया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी नियमों में संशोधन करते समय अधिकारियों को मनमाने ढंग से अधिकार इस कदर दे दिए गए है कि बिना सुनवाई व्यापारियों को शो काज नोटिस जारी करने एवं उनपर करवाई करने का अधिकार दिया गया है। भले ही जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी नियमों में कई सौ बार संशोधन किया है।
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