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आयुष अस्पतालों में मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध करायें


आयुष अस्पतालों में मरीजों को बेहतर उपचार उपलब्ध करायें


आयुष राज्यमंत्री श्री कावरे ने इंदौर-उज्जैन संभाग की विभागीय समीक्षा की 


भोपाल : गुरूवार, फरवरी 11, 2021, 20:44 IST

आयुष (स्वतंत्र प्रभार) राज्यमंत्री श्री रामकिशोर कावरे ने ओंकारेश्वर में आयुष औषधालय प्रारंभ करने के निर्देश भी संबंधित अधिकारियों को दिए। वे ओंकारेश्वर में इंदौर-उज्जैन संभाग के सभी जिला आयुष अधिकारियों के साथ विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि अधिकारी अपने निवास एवं अस्पताल परिसर में हर्बल गार्डन लगाएं। साथ ही लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करें। श्री कावरे के साथ बैठक में विधायक श्री नारायण पटेल उपस्थित थे।श्री कावरे ने निर्देश दिए कि वे अपने अपने क्षेत्र में स्थापित किए गए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर्स का लाभ क्षेत्र के ग्रामीणों को अधिक से अधिक दिलायें। उन्होंने सेंटर की स्थापना के संबंध में अब तक की गई प्रगति की विस्तार से जानकारी ली। बताया गया कि खंडवा जिले के 8 आयुर्वेद एवं होम्योपैथी औषधालयों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिये ग्राम पंचायत के माध्यम से 4 लाख 50 हजार की राशि से मरम्मत एवं निर्माण कार्य प्रगतिरत है। श्री कावरे ने कहा कि आयुष अधिकारी नागरिकों को आयुर्वेद पद्धति, होम्योपैथिक पद्धति, यूनानी पद्धति व योगा पद्धति के संबंध में जानकारी दें। उन्होंने आयुष अधिकारियों से कहा कि वे गांव में समय-समय पर होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में जायें। आयुष पद्धति से उपचार के संबंध में ग्रामीणों को बतायें।राज्यमंत्री श्री कावरे ने निर्देश दिए कि आयुष पद्धति के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न शासकीय कार्यक्रमों में आयुष मेले आयोजित करें। आयुष विभाग के स्टॉल लगाकर ग्रामीणों का उपचार करायें। बैठक में भवनविहीन आयुष अस्पतालों के संबंध में भी जानकारी ली। उन्होंने आयुष अस्पतालों में आने वाले मरीजों से अच्छा व्यवहार करने की सीख भी आयुष अधिकारियों को दी। उन्होंने कहा कि आयुष अस्पतालों में जो भी समस्याएं व कमियां हो उनके बारे में संभागीय व प्रदेश स्तर के अधिकारियों को बतायें, आयुष अस्पतालों में शासन स्तर से हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। श्री कावरे ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं और स्व-सहायता समूहों की दीदीयों के माध्यम से भी आयुष पद्धति का व्यापक प्रचार-प्रसार ग्रामीणों के बीच किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आयुष पद्धति भारत की अत्यंत प्राचीन उपचार पद्धति है, यह पद्धति पूर्णतः सुरक्षित है, इस पद्धति से उपचार में दवाईयों से किसी तरह के साइड इफैक्ट की संभावना बिल्कुल नही रहती है।  


दुर्गेश रायकवार