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Editorial :- कांग्रेस के हाथ से छूटा न जाकिर नाईक का साथ

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राहुल गांधी के राजनीतिक गुरू दिग्विजय सिंह की दृष्टि में शांतिदूत हैं जाकिर नाईक। वह अभी दर्द में है। इसी कारण कांग्रेस को भी दर्द महसुस हो रहा है।
यह दर्द छलका है कांग्रेस के दामाद के दामाद तहसीन पूनावाला के ट्वीट में। इसी दर्द को महसुस किया है आज अपने वक्तव्य में यूपीए शासनकाल में विदेश मंत्री रहे सलमान खुर्शीद ने भी।
भारत की एनआईए संस्था द्वारा मोस्ट वांटेड भारत विरोधी इस्लामी प्रचारक जाकिर नाईक का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि देश सार्वजनिक जीवन में अहम पदों पर बैठे लोगों पर सवालिया निशान लगने का जोखिम मोल नहीं ले सकता, लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने का आधार नहीं बनता है तो उसके पीछे नहीं पड़े रहना चाहिए। सलमान खुर्शीद की दृष्टि में जाकिर नाईक अहम पद पर विराजमान महापुरूष हैं।
जाकिर नाईक इस्लामिक आतंकवादी है और वह कई देशों में आतंकवाद को प्रश्रय देने का आरोपी है। उसके फॉलोअर्स कट्टर होते हैं और वे पूरी दुनिया में इस्लाम की स्थापना करना चाहता है। वह अपने पीस टीवी के जरिए लोगों को भड़काने का काम करता है। बांग्लादेश में हुए आतंकवादी हमलों में जाकिर नाइक का कनेक्शन सामने भी चुका है इसलिए बांग्लादेश और भारत समेत कई देशों ने उसपर बैन लगा रखा है।
दरअसल जाकिर नाईक मोदी सरकार की सख्ती से डरा हुआ है और कह रहा है कि उनके मनमाफिक कोई सरकार आएगी तो वे भारत आएंगे।
जाकिर नाइक की इस बात में यह पीड़ा जाहिर हो रही है कि मोदी सरकार के आगे वह बेबस है और भागा भागा फिर रहा है। यह पीड़ा सिर्फ जाकिर नाइक को ही नहीं हो रही बल्कि कांग्रेस के लोग भी जाकिर नाइक की इस दुर्गति से आहत महसूस कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता तहसीन पूनावाला ने इस बात पर अपनी बौखलाहट निकाली है। उन्हें जाकिर नाइक के विरुद्ध सरकार की सख्ती नागवार गुजर रही है।
उन्होंने ट्वीट किया कि मोदी सरकार सिर्फ जाकिर नाइक के खिलाफ ही सख्ती क्यों दिखा रही है, क्यों नहीं नीरव मोदी, माल्या जैसों के खिलाफ सख्ती दिखाई जाती?
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि माल्या और नीरव मोदी के खिलाफ सरकार ज्यादा सख्त है। माल्या तो कुछ ही दिनों पहले पैसे वापस करने को लेकर रो रहा था। दूसरी तरफ पिछले ही दिनों इंटरपोल ने भारत सरकार के कहने पर नीरव मोदी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। लेकिन कांग्रेस जाकिर नाइक के लिए इतना फिक्रमंद है कि कह रही है कि मोदी सिर्फ जाकिर नाइक पर ही सख्ती क्यों दिखा रहे हैं।
असल बात यह है कि कांग्रेस के बड़ेबड़े नेताओं को डर है कि पीएम मोदी जाकिर नाइक को भारत ले आए तो कहीं दिग्गज कांग्रेस नेताओं का नाम टेरर लिंक और टेरर नेटवर्क में जाए। दरअसल जाकिर नाइक और कांग्रेस के पुराने संबंध हैं। कांग्रेस पार्टी के कई नेता उसका समर्थन करते हैं और उसे मसीहा और शांति दूत भी बताते रहे हैं। कांग्रेस के राज में ही जाकिर नाइक का आतंकी नेटवर्क पूरे भारत में फैला था।
नाईक एनआईए और ईडी की जांच का सामना कर रहा है नाईक के गैर सरकारी संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन को 2016 में ही अवैध घोषित किया जा चुका है और इस मामले में 18 करोड़ रुपए से अधिक की रकम के धन शोधन के आरोपों की प्रवर्तन निदेशालय जांच कर रहा है।  
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने  जाकिर नाईक के खिलाफ अक्तूबर 2017 युवाओं को अपने भड़काऊ भाषण के जरिए उकसाने और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए  मुंबई की विशेष अदालत में 65 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी। विदेशी चंदे से कराता था धर्मांतरण।
ऐसे भारत विरोधी जाकिर नाईक का साथ कांग्रेस के हाथ से अभी भी नहीं छूट पा रहा है।