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तीन साल बाद भी पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का

Ranchi : झारखंड में कार्यरत पारा शिक्षकों के लिए कल्याण कोष का गठन तीन सालों के बाद भी नहीं हो पाया है. इसके चलते सेवानिवृत्त एवं पारा शिक्षकों के परिजनों को किसी भी तरह की सहयोग राशि नहीं मिल पा रही है. यह स्थिति तब है, जब पूर्ववर्ती सरकार द्वारा कल्याण कोष नियमावली बनाकर 10 करोड़ रुपए एक मुश्त जारी किया जा चुका है. बता दें कि वर्तमान में राज्य में कुल 62,876 पारा शिक्षक कार्यरत हैं.

अब तक केवल वेलफेयर सोसाईटी का ही गठन 

अब तक समग्र शिक्षा के अधीन कार्यरत संविदाधारी कर्मी वेलफेयर सोसाइटी का गठन कर रजिस्ट्रेशन कराया गया है. सोसाइटी में पारा शिक्षक, प्रखंड साधनसेवी (बीआरपी), संकुल साधनसेवी (सीआरपी), कस्तूरबा गांधी बालिका वि़द्यालय की शिक्षिकाएं एवं शिक्षकेतर कर्मियों को शामिल किया गया है. सोसाइटी में 10 करोड़ रुपए जमा है.

कोष गठन के बाद आश्रित को मिलेगी 5 लाख रुपए की मदद

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक योजना के संचालन के लिए एक योग्य संस्थान का चयन किया जाएगा. इसके लिए टेंडर निकाला जाएगा. उसके बाद ही पारा शिक्षकों के कल्याण कोष के गठन की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. कोष के बनने के बाद सेवा काल में निधन होने पर आश्रित को पांच लाख रुपये दिये जायेंगे. इसके अलावा कल्याण कोष से आवश्यकता अनुरूप बच्चों की पढ़ाई और इलाज के लिए भी राशि लेने का प्रावधान किया जाएगा.

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