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Atique Ahmed: रिहा किया तो फिर अपराध करेगा… कहकर हाई कोर्ट ने खारिज कर दी अतीक के खास गुर्गे की बेल याचिका

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प्रयागराजः इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अतीक अहमद के गुर्गे फहद उर्फ वसीउर्रहमान की जमानत अर्जी खारिज कर दी। मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर उसे जमानत पर रिहा किया जाता है तो वह गंभीर अपराध की घटनाओं को अंजाम दे सकता है। इस आधार पर कोर्ट ने फहद की जमानत अर्जी खारिज की है। जस्टिस पीयूष अग्रवाल की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है। बता दें कि फहद अतीक अहमद गैंग का सक्रिय सदस्य है।

अतीक अहमद पर 95 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। फहद भी अपराधी प्रवृत्ति का है और उस पर भी 9 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। कोर्ट ने कहा कि फहद पर आपराधिक मुकदमों को देखते हुए उसे जमानत देना उचित नहीं है। फहद के खिलाफ 31 दिसंबर 2021 को करेली थाने में एफआईआर दर्ज किया गया है। उस पर आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 504, 506, 307, 308, 386 और 427 के तहत एफआईआर दर्ज है।

फहद पर अतीक अहमद के रिश्तेदार प्रापर्टी डीलर जीशान ने मुकदमा दर्ज कराया था। उस पर अतीक अहमद के बेटे अली अहमद और अन्य के साथ गनपॉइंट पर 5 करोड़ की रंगदारी मांगने का आरोप है। इसके अलावा उस पर एनुउद्दीनपुर की जमीन अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के नाम पर न करने पर राइफल की बट से और पिस्टल से मारने का आरोप है। साथ ही जेसीबी से दीवार भी ध्वस्त करने का आरोप फहद पर लगाया गया है। वह बीती 1 जनवरी 2022 से जेल में बंद है। उसके अधिवक्ता ने कहा कि फहद का नाम एफआईआर में दर्ज नहीं कराया गया था, बल्कि वह निर्दोष है। नाम गलत तरीके से बाद में एफआईआर में जोड़ा गया है।

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