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राम मंदिर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अब दीपोत्सव… झांकियों के जरिए नया पॉलिटिकल टोन सेट कर रहा UP

लखनऊ: उत्तर प्रदेश इस बार एक बार फिर अपनी वृहत सांस्कृतिक विरासत से देश-दुनिया को परिचित कराएगा। लालकिले पर गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार झंडोत्तोलन करेंगी। इसको लेकर तमाम प्रशासनिक तैयारियों को पूरा करा लिया गया है। गुरुवार की सुबह जब कर्तव्य पथ पर उत्तर प्रदेश की झांकी गुजरेगी तो हर किसी की नजर इस पर टिकेगी। पिछले 3 सालों से गणतंत्र दिवस परेड में झांकियों में बढ़िया प्रदर्शन कर रहा है। वर्ष 2021 और 2022 के गणतंत्र दिवस की झांकियों को सर्वश्रेष्ठ झांकी का पुरस्कार मिल चुका है। एक बार फिर प्रदेश नई थीम के साथ परेड में शामिल हो रहा है। इसको लेकर उम्मीदें और कयास पहले से ही लगाए जाने लगे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से इस आयोजन को प्रदेश की विरासत को बड़े स्तर पर प्रदर्शित करने के एक मौके के रूप में देखा जाता है। देश और दुनिया को इस बार अयोध्या के भव्य दीपोत्सव की रंगत दिखाने की तैयारी की गई है। योगी आदित्यनाथ सरकार गठन के बाद से लगातार इस दिशा में काम हो रहा है। यूपी ने गणतंत्र दिवस में जिस प्रकार से धार्मिक आयोजनों और उसके महत्व को प्रदर्शित किया है। अब इस थीम पर कई प्रदेश अपनी झांकी तैयार कर इस बार कर्तव्य पथ पर उतारने की तैयारी में हैं। आइए, ये किस प्रकार लोगों की सोच को बदल सकते हैं, इसको समझने का प्रयास करते हैं।तीन सालों में बदलती गई थीम
वर्ष 2020: गणतंत्र दिवस के मौके पर वर्ष 2024 ने उत्तर प्रदेश की झांकी में गंगा जमुनी तहजीब को प्रदर्शित किया गया था। झांकी में एक तरफ गंगा की निर्मल धारा में सांस्कृतिक विरासत अविरल प्रवाह को प्रदर्शित किया गया। साथ ही, बाराबंकी के प्रसिद्ध देवा शरीफ के सूफियाना मिजाज को भी झांकी में दिखाया गया था। झांकी में सनातन संस्कृति का प्रतिबिंब काशी भी था और मशहूर शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का वाद्य यंत्र भी दिखाई दे रहा था। यूपी की झांसी की विदुषी गिरिजा देवी की प्रतिकृतियां भी प्रदर्शित की गई थीं। संत कबीर और संत रविदास की झलक भी प्रदेश की झांकी में दिखी। यूपी सरकार का यह अभिनव प्रयोग जब राजपथ पर गुजरा तो लोगों की खूब तालियां मिलीं। इसे संयुक्त रूप से दूसरा स्थान मिला।

गणतंत्र दिवस 2020 में यूपी की गंगा-जमुनी संस्कृति को प्रदर्शित करती झांकी

वर्ष 2021: गणतंत्र दिवस 2021 में यूपी सरकार ने रणनीति बदली और अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के मॉडल को देश और दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का फैसला लिया गया। वर्ष 2019 में कोर्ट का फैसला राम जन्मभूमि के पक्ष में आने के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू होने के बाद इस झांकी ने हर किसी को अपनी तरफ आकर्षित किया। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर जैसे ही यूपी की झांकी निकली, समारोह देखने पहुंचे लोग भाव विह्वल होकर राम मंदिर का मॉडल देखने लगे। सीटों पर बैठे लोग खड़े हो गए। हाथ जोड़कर राम मंदिर के मॉडल का नमन किया। पूरा राजपथ जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा था। इसमें कई मंत्री भी शामिल थे। यह वह मौका था, जब यूपी सरकार की ओर से एक विशेष थीम पर आधारित मॉडल पेश किया गया और सफलता मिली। राम मंदिर मॉडल की इस झांकी को वर्ष 2021 के गणतंत्र दिवस परेड की सर्वश्रेष्ठ झांकी के रूप में चयन हुआ।

गणतंत्र दिवस 2021 में राम मंदिर के मॉडल को झांकी में किया गया पेश

वर्ष 2022: गणतंत्र दिवस में 2022 के मौके पर उत्तर प्रदेश की झांकी ने एक बार फिर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। विकास के साथ आध्यात्म को जोड़कर झांकी की थीम तैयार की गई। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट को झांकी में प्रदर्शित किया गया। साथ ही, इसमें पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में तैयार कराए गए श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी शामिल किया गया। धर्म के साथ विकास का यह थीम खासा पसंद किया गया। धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की असीम संभावनाओं को यह थीम प्रदर्शित करती दिखी। वहीं, प्रदेश के विभिन्न जिले के विशिष्ट उत्पादों के जरिए देश दुनिया में यूपी अपनी अलग छवि प्रदर्शित करने में सफल रही। एक बार फिर यूपी की झांकी को पहला पुरस्कार मिला।

गणतंत्र दिवस 2022 में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की झांकी को किया गया पेश

अबकी बार दीपोत्सव की धूम
गणतंत्र दिवस 2223 के लिए यूपी सरकार ने दीपोत्सव की टीम को चुना है। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के प्रदेश का मुख्यमंत्री पद का शपथ लेने के बाद अयोध्या में दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन शुरू हुआ। दीपावली के ठीक पहले दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन होता है। वर्ष 2017 में 1.71 लाख दीप प्रज्वलित किए गए थे। साल दर साल यह आंकड़ा बढ़ता गया। वर्ष 2022 के दीपोत्सव कार्यक्रम में रिकॉर्ड 15.76 लाख दीपों का प्रचलन किया गया। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है। यूपी सरकार का यह भव्य दीपोत्सव इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में यूपी सरकार की थीम के रूप में कर्तव्य पथ पर दिखेगा।

झांकी में राम की पैड़ी, पुष्पक विमान, लंका विजय और लंका की जीत के बाद प्रभु श्री राम के अयोध्या आगमन पर उनके स्वागत को प्रदर्शित किया जाएगा। पुष्पक विमान पर हनुमान, जामवंत, माता सीता, लक्ष्मण और सुग्रीव की झलक भी देखने को मिलेगी। झांकी के जरिए विश्व को अयोध्या की तरफ आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। भव्य दीपोत्सव के जरिए पहले ही यूपी सरकार अयोध्या के पुरातन स्वरूप को वापस करने की कोशिश करती दिखी है। अब इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोशिश हो रही है।

गणतंत्र दिवस 2023 की झांकी में भगवान राम के अयोध्या आगमन और दीपोत्सव पर झांकी

झांकी के जरिए शुरू होगी चर्चा
अयोध्या के भव्य दीपोत्सव की झांकी के जरिए यूपी की थीम की चर्चा देश- दुनिया में होगी। इसके महत्व को ऐसे भी समझा जा सकता है कि अगले साल लोकसभा का चुनाव है। इस वर्ष 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव हैं। यह राम मंदिर का मुद्दा लोगों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। दिल्ली के कर्तव्य पथ पर जब अयोध्या में भव्य दीपोत्सव का नजारा लोग देखेंगे तो उनके मन में राम मंदिर को भी जानने की जिज्ञासा बढ़ेगी। उन्हें पता चलेगा कि राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। बड़ी तेजी से हो रहे राम मंदिर के निर्माण का मामला चर्चा का विषय तो बन ही जाएगा। यह एक माहौल को बदलने का प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों त्रिपुरा की एक रैली में जनवरी 2024 में राम मंदिर में रामलला के पूजन शुरू होने का दावा किया है। इसके बाद से राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में है। दीपोत्सव की झांकी के जरिए इन चर्चाओं को बल मिलेगा। देश में अभी सनातन धर्म और संस्कृति को लेकर खासी बहस छिड़ी हुई है। ऐसे में अयोध्या का भव्य दीपोत्सव बहस के एक नए विषय के रूप में उसमें जुड़ता हुआ दिख रहा है। यह देश की राजनीति का एक अलग टोन सेट करेगा।

यूपी ने बदल दिए राज्यों के विषय
उत्तर प्रदेश में पिछले 2 सालों में हिंदुत्व पर आधारित दो झांकियों को पेश कर एक अलग ही माहौल बनाया है। अयोध्या के राम मंदिर और काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की झांकियों को पहला पुरस्कार मिल चुका है। ऐसे में इस बार कई राज्यों की झांकियों में अलग ही रंग दिख रहा है। असम की झांकी में पौराणिक अहोम सेनापति लचित बोरफुकन और प्रसिद्ध कामाख्या मंदिर को प्रदर्शित किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड में हरियाणा राज्य की झांकी में अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव को पेश किया जाएगा। भगवत गीता में वर्णित भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की प्रतिमा को इस झांकी में चित्रित किया गया है। झांकी भगवत गीता का संदेश देती और महाभारत युद्ध के विभिन्न दृश्यों को बारीकी से प्रदर्शित करती दिखेगी।

इस बार पश्चिम बंगाल की झांकी भी कर्तव्य पथ पर निकलेगी। वर्ष 2022 में बंगाल की झांकी को अनुमति नहीं मिली थी। इसके बाद काफी राजनीति गरमाई थी। इस बार की झांकी में कोलकाता का दुर्गा पूजा उत्सव प्रदर्शित किया जाएगा। यह महिला सशक्तिकरण को कर्तव्य पथ पर प्रदर्शित करेगा। पश्चिम बंगाल की झांकी में देवी दुर्गा की पारंपरिक प्रतिमा होगी। इसके साथ देवी लक्ष्मी, सरस्वती और भगवान कार्तिकेय एवं गणेश की प्रतिमाएं भी रहेंगी। देवी दुर्गा को महिला सशक्तिकरण का प्रतीक के रूप में पेश किया गया है।

गुजरात की झांकी में मोटेरा गांव को प्रदर्शित किया जाएगा। वहां सौर ऊर्जा से 24 घंटे बिजली दिए जाने को थीम बनाया गया है। जम्मू कश्मीर की झांकी में नया कश्मीर थीम रखा गया है। महाराष्ट्र की झांकी नारी शक्ति थीम पर तैयार की गई है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर की अंबाबाई, तुलजापुर की आई भवानी और माहूर की रेणुका माता पूर्ण पीठ को झांकी में प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही, अर्द्ध शक्ति पीठ माने जाने वाले वणी की सप्तश्रृंगी को भी इसमें शामिल किया गया है। उत्तराखंड के झांकी की टीम प्रदेश की विरासत का प्रदर्शन किया गया है। झांकी में मानसखंड को दिखाया जा रहा है। इसमें दुनिया भर में मशहूर कार्बेट नेशनल पार्क में घूमते हुए बारहसिंघा और विभिन्न पक्षियों का प्रदर्शन होगा।