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Mathura : ‘मुस्लिम पक्ष नहीं चाहता फैसला दे कोर्ट’ अब श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में 1 फरवरी को सुनवाई

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मथुरा: श्री कृष्ण की जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद (Mathura Janmbhoomi News) को लेकर कोर्ट में याचिकाएं दायर की गई हैं। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के मामले को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई। न्यायालय के समक्ष वादी और प्रतिवादी पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपनी अपनी बातों को रखा। दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस को सुनने के बाद कोर्ट ने अग्रिम सुनवाई की तारीख 1 फरवरी मुकर्रर कर दी है।

भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान की 13.37 एकड़ भूमि को लेकर कोर्ट में याचिकाएं डाली गई हैं। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन की तरफ से डाली गई याचिका पर आज बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 1 फरवरी की अग्रिम तारीख सुनवाई की तय की है। इस मामले को लेकर कोर्ट अब 1 फरवरी को सुनवाई करेगा। वहीं श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और याची महेंद्र प्रताप के द्वारा अपना पक्ष न्यायालय में रखा गया।

हिंदू पक्ष ने कहा- मुस्लिम पक्ष नहीं चाहता फैसला दे कोर्ट
वहीं शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता के द्वारा भी अपना पक्ष न्यायालय के समक्ष रखा। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुनाया। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष और याचिकाकर्ता ने बताया कि शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के लोग मामले में बहस के दौरान बाधा उत्पन्न करते हैं। यह लोग नहीं चाहते कि कोर्ट मामले की सुनवाई के बाद कोई फैसला दे। उन्होंने बताया कि एडीजे की अदालत में आज सुनवाई हुई।

लोअर कोर्ट को अपिलर कोर्ट ने आदेश दिया था कि 7 रूल 11 को ना सुनकर कोर्ट कमिशन को सुना जाना अनिवार्य है। न्यायालय की गरिमा के अनुसार 7 रूल 11 पर न सुनकर कोर्ट कमिशन पर सुनना चाहिए। शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के लोग केस को बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी के सदस्यों और लोगों के पास कोई भी कागज मौजूद नहीं है।

मस्ज़िद का टैक्स भरती है श्रीकृष्ण जन्मभूमि
बता दें कि शाही ईदगाह मस्जिद की 2.65 एकड़ भूमि श्री कृष्ण जन्मस्थान की है। श्री कृष्ण जन्मस्थान के पास मस्जिद का मालिकाना हक आज भी मौजूद है और श्री कृष्ण जन्मस्थान आज भी मस्जिद के टैक्स भरता है। उक्त मामले को लेकर तकरीबन एक दर्जन याचिका है। हिंदूवादी संगठनों के द्वारा डाली जा चुकी हैं। कोर्ट लगातार उक्त मामले से संबंधित विषयों पर सुनवाई करता है।