दिव्यांगजन आरक्षण का लाभ लेने के लिए स्वस्थ और सामान्य लोगों द्वारा फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाकर दुरूपयोग किया जा रहा है। इसके मद्देनजर समाज कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा निर्देशित किया गया है कि शासकीय कल्याणकारी योजना तथा रोजगार (शासकीय सेवाओं में भर्ती) का लाभ देने के पूर्व संबंधित विभाग दिव्यांगता प्रमाण पत्र की बारिकी से जांच कर लें। साथ ही यह सुनिश्चत किया जाए कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के अनुरूप हो और इसका उपयोग वास्तविक दिव्यांगजन ही करें। यह भी कहा गया कि दिव्यांगता के आधार पर नियुक्त होने वाले शासकीय सेवकों की नियुक्ति के समय होने वाले चिकित्सीय (मेडिकल) परीक्षण में उनकी दिव्यांगता का भी भौतिक परीक्षण कराया जाए। साफ तौर पर कहा गया है कि प्रमाण पत्र फर्जी/असत्य पाए जाने पर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।
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