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राजस्थान में थम नहीं रहा धर्मांतरण,

सनातन धर्म से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी किस कदर नफरत करती है यह कोई अनजानी बात नहीं है। कांग्रेस पार्टी ने देश पर 70 सालों तक शासन के दौरान सनातन धर्म को हर स्तर से नुकसान पहुंचाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। वहीं आम आदमी के पार्टी के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने तो 10 हजार लोगों को एक साथ हिंदू धर्म के खिलाफ शपथ दिलवाकर रिकार्ड ही बना डाला। सनातन धर्म के प्रति नफरत के अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में कांग्रेस अब भी जुटी हुई है। यही वजह है कि कांग्रेस शासित राजस्थान में धर्मांतरण की कई घटनाएं हो चुकी हैं। ताजा मामला प्रदेश के भरतपुर का है जहां सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 नवविवाहित जोड़ों का धर्मांतरण करवाया गया। संत रविदास सेवा विकास समिति की ओर से आयोजित इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में 11 जोड़ों को हिंदू देवी देवताओं को नहीं मानने की शपथ दिलाई गई। उसके बाद सभी जोड़ों ने बौद्ध धर्म अपनाया। इस मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और महामंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि देवी देवताओं का अपमान करना, उनके प्रति अनुरक्ति पैदा करना, इस तरीके का उपक्रम प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुआ है। कांग्रेस राज में धर्मांतरण की घटनाएं सुनियोजित तरीके से हो रही हैं। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने धर्मांतरण को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए इस पर अंकुश लगाने की जरूरत बताई थी। इसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस सरकार की नाक के नीचे राजस्थान में हिन्दू समाज के धर्मांतरण की बढ़ती घटनाएं शर्मनाक हैं। इससे भी ज्यादा शर्मनाक हैं इन बढ़ती घटनाओं पर राजस्थान सरकार की चुप्पी। ऐसा प्रतीत होता हैं की ऐसी घटनाओं पर गहलोत सरकार का मौन समर्थन प्राप्त है।