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तमाड़ की धरती मुंडा विद्रोह का केंद्र रही है : वृं

Tamar: तमाड़ में माकपा ने जनसभा का आयोजन किया. इसमें पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा कारात शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि तमाड़ की धरती 18वीं शताब्दी की शुरुआत से ही मुंडा विद्रोह का केंद्र रही. इस विद्रोह में सैकड़ों आदिवासियों और अन्य गरीबों ने अपने प्राणों की आहुति देकर ब्रिटिश शासकों के खिलाफ ऐतिहासिक युद्ध लडा. अब फिर से उठ खड़े होने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि आज हमारा देश चौतरफा संकटों का सामना कर रहा है. बढती महंगाई और बेरोजगारी ने आम लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है. देश में अधिकांश गरीबों के घर में दाल नहीं बन रही है. लोगों ने बढ़ती महंगाई के चलते मजबूरी में अपनी खुराक कम कर दी है. हम अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. लेकिन देश में सत्ता में बैठे लोग इस बात से परेशान हैं कि उनके पास उनके पूर्वजों में से एक भी नाम ऐसा नहीं है, जिन्हें वे स्वतंत्रता आन्दोलन के योद्धा के रूप मे याद कर सकें.

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उडीसा के विधायक और माकपा की उडीसा राज्य कमिटी के सदस्य लक्षमण मुंडा ने कहा कि आज मोदी सरकार के संरक्षण में देश के बड़े कॉर्पोरेट घराने देश में जल, जंगल, जमीन और खनिज की लूट के लिए आदिवासियों और अन्य गरीबों की जमीन को लूट रही है. इसके खिलाफ उडीसा से लेकर छत्तीसगढ़ और झारखंड में विशाल प्रतिरोध आंदोलन खड़ा किया जा रहा है. सभा को राज्य कमिटी सदस्य सुरेश मुंडा, कॉमरेड सुभाष मुंडा, सुफल महतो, रंगोंबती देवी, घसीराम मुंडा, रंजीत कुमार मोदक, दिबाकर मुंडा, यदुगोपाल मुंडा, जेहरू लाल मुंडा, गणेश मुंडा, रामधन मछुआ और गंगाधर सिंह मुंडा संबोधित किया.

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