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Dussehra 2022: गोरखपुर में बोले सीएम योगी, राक्षसी प्रवृत्तियां समाज को बना रहीं खोखला

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राम और रावण का युद्ध हर युग में निरंतर चलता है। अन्यायी और अत्याचारी ताकतें अलग-अलग रूप में अलग-अलग कालखंड में पैदा होती हैं। अधर्म, रावण, कंस, दुर्योधन, आतंकवाद, नक्सलवाद और भ्रष्टाचार यह सभी राक्षसी प्रवृत्तियों के ही रूप हैं। यह समाज को खोखला बनाकर अराजकता को बढ़ावा दे रही हैं। ये बातें मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ ने कही। वह मंगलवार को विजयदशमी की भव्य शोभायात्रा के बाद मानसरोवर रामलीला मैदान में श्रीराम के तिलक के बाद आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि विजयदशमी का पर्व सनातन हिंदू धर्म को सदैव सत्य, न्याय और धर्म के पर्थ पर चलने की प्रेरणा देता है। सम और विषम कोई भी परिस्थिति हो। हम गलत मार्ग पर नहीं चलेंगे, सत्य का आचरण करेंगे, न्याय के पथ पर चलेंगे, धर्म के पथ पर चलेंगे। विजय हमारी अवश्य होगी।

 

सीएम ने कहा कि किसी भी कल्याणकारी शासन, व्यवस्था और समाज का यह एक महत्वपूर्ण पहलू होता है, वह समाज की पीड़ा को अपनी पीड़ा के साथ जोड़ता है। राष्ट्र की पीड़ा के साथ अपने आप को जोड़ता है। समाज की ज्वलंत समस्याओं के समाधान के लिए अपने आपको जोड़ता है। तभी महानता का रास्ता निकलता है। आज हम भगवान राम की पूजा करते हैं, उनकी वंदना कर रहे हैं। इसलिए क्योंकि भगवान राम ने अपने आदर्शों से एक आदर्श प्रस्तुत किया है। धर्म के बारे में जानना है, तो भगवान राम के चरित्र के बारे में जान लो।

 

जीरो के नजदीक पहुंचीं इंसेफेलाइटिस से मौतें

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश ने इंसेफेलाइटिस से मुक्ति की ओर कदम बढ़ाया है। मस्तिष्क ज्वर से पांच साल पहले हजारों मौतें होती थीं। यह मौतें आज लगभग जीरो के नजदीक आ चुकी हैं। यह चीजें दिखाती हैं कि हमारा प्रयास अच्छी दिशा में चल रहा है। यह सामूहिकता का परिणाम है। शासन, प्रशासन, आम जनमानस, स्वयं सेवी संगठन सभी एकजुट हुए केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं को ईमानदारी से लागू किया गया। स्वास्थ्य विशेषज्ञ मानते थे कि इसे महामारी के रूप में नोटिफाई किया जाए, इसके बाद उपचार की व्यवस्था की जाए, लेकिन उसके तह में जाने का प्रयास नहीं किया गया कि इस बीमारी का कारण क्या है।

 

मातृ शक्ति के सम्मान का भी पर्व है विजयदशमी

सीएम योगी ने कहा कि शारदीय नवरात्रि की नौ तिथियों में जगत जननी मां भगवती के नौ रूपों की पूजा करने के उपरांत विजयदशमी का पर्व आता है। हम देवी के नौ रूपों की पूजा करने के बाद विजयदशमी पर्व के साथ जुड़ते हैं। विजयदशमी का पर्व केवल धर्म और सत्य का ही नहीं था, मातृ शक्ति के सम्मान का भी था।

 

पीएम मोदी ने किया देश को पंच प्रण के साथ जोड़ने का आह्वान

सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम में पूरे देश को पंच प्रण के साथ जोड़ने का आह्वान किया। भारत की विरासत का सम्मान भी करना है और किसी भी प्रकार के विदेशी अपरंपरा या संस्कृति का कोई चिह्न न रहे, उसे समाप्त करते हुए अपनी विरासत और परंपरा को आगे बढ़ाकर आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को साकार बनाने में हमें सहयोग देना है। कहा कि उत्तर भारत में कोई गांव और मोहल्ला नहीं होगा, जहां रामलीला का आयोजन न होता हो। विरासत के प्रति सम्मान का यह भाव हर बार हमें स्वत: स्फूर्त भाव के साथ जोड़ता है।

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