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Gandhi Jayanti: 300 साल पुराने ‘गांधी वटवृक्ष’ की जगह लेगा बरगद का नया पौधा, बारिश में गिर गया था ये ऐतिहासिक पेड़

इटावाः उत्तर प्रदेश के इटावा में बीती 22 सितंबर को आई मूसलाधार बारिश ने बड़ा नुकसान कर दिया। इस दौरान इटावा में स्थित प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक 300 साल पुराना गांधी वटवृक्ष गिर गया। अब उसकी जगह बदर दी गई है। अब गांधी जयंती के दिन इसी स्थान पर एक नया बरगद का पौधा लगाया जाएगा। दरअसल, स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में क्रांतिकारियों और गांधीवादियों के लिए यह बरगद का पेड़ एक मिलन स्थल के रूप में इस्तेमाल होता था। इसके बाद से ही इसका नाम गांधी वटवृक्ष पड़ गया था। इस पेड़ की उम्र 300 साल से भी ज्यादा बताई जाती है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिले में कई स्वतंत्रता सेनानियों को पेड़ से बांधकर अंग्रेजों ने पीटा था। कुछ को तो पेड़ से लटका भी दिया गया। वन और वृक्ष संरक्षण के लिए ‘लालफीताशाही आंदोलन’ चलाने वाले आगरा में तैनात सरकारी अधिकारी प्रभात मिश्रा ने कहा कि प्रशासन ने स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया है कि गांधी जयंती के अवसर पर उसी स्थान पर एक नया बरगद का पौधा लगाया जाएगा।

हालांकि, स्थानीय पर्यावरणविदों ने गिरे हुए बरगद के पेड़ से पौधे तैयार करने के प्रयास में टहनियों को काटने का फैसला किया है। प्रभात मिश्रा ने कहा कि पुराने पेड़ से पौधे इटावा, फिरोजाबाद, मैनपुरी और आगरा में लगाए जाएंगे।