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गौ-आधारित प्राकृतिक खेती पर कार्यशालाकल इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान गोमती नगर लखनऊ में किया जाएगा आयोजन

गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की विधा को उत्तर प्रदेश में व्यापक स्तर पर अपनाने के उद्देश्य से कल दिनांक 24.09.2022 को ज्यूपिटर हाल, इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर लखनऊ में एक दिवसीय राज्य स्तरीय गौ-आधारित प्राकृतिक खेती कार्यशाला का आयोजन किया जाना है। इस कार्यशाला में प्रदेश के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री तथा मुख्य वक्ता के रूप में गुजरात के राज्यपाल श्री आचार्य देवव्रत प्रतिभाग करेंगे।
प्रदेश के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि कार्यशाला में लगभग 1200 प्रतिभागी होंगे, जिसमें प्रदेशभर के विभिन्न जनपदों से आए हुए प्राकृतिक खेती से जुड़े लगभग 900 कृषक, कृषि एवं संबद्ध विभाग के अधिकारीगण, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकगण भी इस कार्यशाला में प्रतिभाग करेंगे।
कार्यक्रम का आयोजन दो सत्र में होगा, जिसमें प्रथम सत्र उद्घाटन का होगा जो कि प्रातः 10रू30 बजे तक तथा द्वितीय सत्र तकनीकी सत्र होगा, जो कि अपरान्ह 1रू00 बजे से 5रू00 बजे तक होगा।
उद्घाटन सत्र में मा० कृषि राज्य मंत्री एवं मा० कृषि मंत्री, उ0प्र0 द्वारा उद्बोधन मा० राज्यपाल, गुजरात द्वारा प्राकृतिक खेती के आध्यात्मिक एवं सैद्धान्तिक पहलुओं पर व्याख्यान दिया जायेगा।
उद्घाटन सत्र के अन्त में मा० मुख्यमंत्री द्वारा उद्बोधन दिया जायेगा। तकनीकी सत्र में प्राकृतिक खेती से जुड़े प्रगतिशील कृषक एवं वैज्ञानिकों द्वारा प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं पर प्रतिभागी कृषकों को प्रशिक्षित किया जायेगा। इस कार्यशाला से प्रदेश के अनेक कृषक लाभान्वित होंगे, जो कि संचालित योजनाओं में चौम्पियन फार्मर एवं कम्यूनिटी रिसोर्स पर्सन के रूप में कार्य करेंगे, जिसमें योजना का व्यापक स्तर पर अपनाने में सहयोग प्राप्त होगा।
प्रदेश के कृषि मंत्री श्री शाही ने बताया कि उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखंड के सभी विकासखंडों में गौ आधारित प्राकृतिक खेती की योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2022 में बुन्देलखंड के सभी विकासखंडों में गौ-आधारित प्राकृतिक खेती की योजना राज्य सेक्टर से स्वीकृत की गई है। जिसके अन्तर्गत वर्ष 2022-23 से 2026-27 तक पांच वर्षीय प्राकृतिक खेती कार्यक्रम कुल 50 हे0 क्षेत्रफल के 470 क्लस्टरों (23500 हे0) में दो चरणों में संचालित किए जाने हेतु कार्ययोजना की धनराशि स्वीकृति की जा चुकी है।