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आजम की जौहर यूनिवर्सिटी में दफन है नगर पालिका की तिजोरी? पूर्व कांग्रेस विधायक ने क्‍यों उठाया 17 साल पुराना मामला

रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान और उनकी जौहर यूनिवर्सिटी इस समय खासी चर्चा में है। इसका बड़ा कारण यूनिवर्सिटी परिसर में चोरी की वस्तुओं की लगातार बरामदगी है। अब एक बार फिर यहीं पर डेढ़ दशक पुराने नगर पालिका की तिजोरी की चोरी करके यहीं पर दबाने की आशंका के मामले की जांच को लेकर पूर्व विधायक एवं पूर्व नगर पालिका चेयरमैन की ओर से अधिकारियों से लिखित शिकायत की गई है।

मामला वर्ष 2005 से जुड़ा है। इसी वर्ष रामपुर की शहर नगर पालिका परिषद की तिजोरी चोरी होने की प्रसिद्ध घटना घटी थी, जिसमें पालिका कर्मियों की वेतन सहित 11 लाख 50 हजार रुपये की नकदी तक उड़ा ली गई थी और इसी आरोप में उस समय की आजम खान की धुर विरोधी माने जाने वाली पूर्व नगर पालिका चेयरमैन रेशमा अफरोज के अधिकारों को भी सीज कर दिया गया था। कारण साफ था, आजम खान को पूर्व विधायक अफरोज अली खान ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ कर करारी शिकस्त दी थी और रेशमा अफरोज नगर पालिका की चेयरमैन बनी थी। वहीं, आजम खान तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की कैबिनेट में नगर विकास मंत्री थे। इस महत्वपूर्ण घटना के बाद रामपुर की सियासत में भूचाल आ गया था और एक-दूसरे पर आरोप लग रहे थे।

पूर्व पालिका चेयरमैन की ओर से तिजोरी और कारतूस चोरी के मामले में उसी दौरान अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था, लेकिन यह मामला खुलासे के बजाय दबता चला गया, लेकिन अब एक बार फिर से इसी घटना से जुड़ी चर्चाओं का दौर ऐसे वक्त में जारी है, जब आजम खान पर चोरियां कराने के आरोप लग रहे हैं और चोरी की वस्तुओं का उनकी जौहर यूनिवर्सिटी में मिलने का सिलसिला जारी है।

पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता अफरोज अली खान का सीधा आरोप है कि उनकी पत्नी रेशमा के नगर पालिका में चेयरमैन रहने के दौरान एक तिजोरी एवं कारतूस चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था, लेकिन बावजूद उसके न ही तिजोरी बरामद हुई और न ही उसमें रखा साढ़े 11 लाख रुपये की नकदी ही बरामद हुई। ऐसे में उन्हें आशंका है कि आजम खान द्वारा अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में कहीं न कहीं यह तिजोरी दबवाई गई होगी और इसी को लेकर उनके व उनकी पत्नी पूर्व नगर पालिका चेयरमैन रेशमा द्वारा इस मामले की शिकायत कमिश्नर मुरादाबाद से की गई है।

पूर्व चेयरमैन रेशमा अफरोज के मुताबिक, 17 साल पहले नगर पालिका की सरकारी तिजोरी को चोरी कर लिया गया था, जिसमें कर्मियों की तनख्वाह सहित 11 लाख 50 हजार रुपए भी चुराए गए थे। इस घटना की रिपोर्ट उसी दौरान कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। चोरी की इस चर्चित वारदात के वक्त आजम खान सत्ता पर काबिज थे और नगर विकास मंत्री थे। यही वजह रही कि उनको और उनके पति पूर्व विधायक अफरोज अली खान को तरह-तरह की प्रताड़ना झेलनी पड़ी थी। उनकी सुनने वाला कोई नहीं था, लेकिन अब वक्त आ चुका है और कहीं न कहीं इस बड़ी चोरी के तार आजम खान से जुड़े हो सकते हैं। इसी को लेकर उनके द्वारा अपने पति अफरोज अली खान के साथ मिलकर घटना के खुलासे की मांग प्रार्थना पत्र के माध्यम से कमिश्नर मुरादाबाद से की गई है। उन्हें पूरी उम्मीद है कि देर से ही सही 17 साल के बाद ही सही कहीं ना कहीं इंसाफ जरूर मिलता नजर आ रहा है।