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विभागीय योजनाओं का गन्ना किसानों को मिलेगा भरपूर लाभ,

चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग गन्ना किसानों को गन्ने की खेती एवं आपूर्ति से जुडी बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए कृत संकल्प है, इसी उद्देश्य की पूर्ति एवं फील्ड स्टाफ की कार्यकुशलता में वृद्धि के लिए आज आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी की अध्यक्षता में गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में 11 नव नियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों के लिए एक दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
       नव नियुक्त गन्ना पर्यवेक्षकों को सम्बोधित करते हुए गन्ना आयुक्त ने कहा कि गन्ना विकास विभाग में गन्ना पर्यवेक्षकों का पद बहुत ही महत्वपूर्ण हैं और यही कर्मचारी सीधे गन्ना किसानों के सम्पर्क में रहते है तथा विभागीय योजनाओं को धरातल पर उतारने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि गन्ना पर्यवेक्षकों द्वारा अपनी सर्किल में गन्ना सर्वे, कृषकों को ऋण, अनुदान वितरण, उर्वरक/कीटनाशक दवाओं का वितरण एवं पर्ची वितरण से सम्बन्धित अति महत्वपूर्ण कार्य किये जायेंगे। गन्ना पर्यवेक्षक गन्ना किसानों तथा चीनी मिलों के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी है और प्रशिक्षण के माध्यम से गन्ना पर्यवेक्षकों को विकास कार्यक्रमों के बेहतर संपादन में मदद मिलेगी तथा इनकी कृषि संबंधी तकनीकी जानकारी एवं विशेषज्ञता का लाभ भी गन्ना किसानों को मिल सकेगा।
    उन्होंने यह भी कहा कि पारदर्शिता एवं गन्ना प्रबन्धन के दृष्टिगत विभागीय कार्यों को ऑनलाईन पोर्टल एवं ई-गन्ना ऐप से जोड़कर विभाग द्वारा तकनीक का सहारा लिया जा रहा है, जिससे विभागीय छवि को और बेहतर बनाया जा सके। उन्होंने गन्ना पर्यवेक्षकों से कहा कि वह विभागीय नियमों का अध्ययन करने की आदत को अपनाएं एवं अपने कार्यक्षेत्र में विभागीय निर्देशों का निरन्तर अध्ययन करते हुए गन्ना किसानों से संवाद स्थापित कर उनके अनुभवों से भी सीखें।
आज आयोजित इस एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा गन्ना विकास विभाग के अपर गन्ना आयुक्त, प्रशासन, डा. रूपेश कुमार, के दिशा-निर्देशन में तैयार की गयी। उनके द्वारा नवनियुक्त गन्ना पर्यवेक्षों को सम्बोधित करते हुए कहा गया कि प्रशिक्षण के माध्यम से गन्ना पर्यवेक्षकों को विकास कार्यक्रमों के बेहतर संपादन में मदद मिलेगी तथा इनकी कृषि संबंधी तकनीकी जानकारी एवं विशेषज्ञता का लाभ भी गन्ना किसानों को मिल सकेगा।
प्रशिक्षण प्रदान करने वाले विशेषज्ञों में श्री वी.के. शुक्ल, अपर गन्ना आयुक्त, विकास द्वारा गन्ना विकास परिषदों का गठन, उद्देश्य, गन्ना पर्यवेक्षकों के कार्य एवं दायित्व, गन्ना विभाग की योजनाएं, अनुदान वितरण, डॉ वी.बी. सिंह, संयुक्त गन्ना आयुक्त, समितियाँ द्वारा समितियों का गठन, उद्देश्य एवं कार्यक्षेत्र, सामान्य निकाय का गठन, समिति बजट, बैलेन्सशीट, ऋण वितरण प्रक्रिया, गोदामों के रख-रखाव एवं ई.आर.पी. पोर्टल, श्री विश्वेश कनौजिया, संयुक्त गन्ना आयुक्त, क्रय द्वारा केन मार्केटिंग, उत्तर प्रदेश गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम, 1953 तथा तद्संबंधी नियमावली, 1954, गन्ना सर्वे व सट्टा नीति, टैगिंग आदेश तथा गन्ना मूल्य भुगतान, डॉ. आर.एन. यादव, उप गन्ना आयुक्त, सांख्यिकीय द्वारा गन्ने की क्राप-कटिंग प्रतियोगिता के नियम, प्रक्रिया एवं उसका महत्व तथा अभिलेखों के रख-रखाव के सम्बन्ध में गन्ना पर्यवेक्षकों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। डॉ. नमिता कश्यप, जिला गन्ना अधिकारी (मुख्यालय) द्वारा प्रशासनिक कार्य, कार्मिकों के दायित्व एवं कार्य, नियमावली, जन सूचना अधिकार अधिनियम, अनुशासन एवं अपील नियमावली आदि विषयों पर गन्ना पर्यवेक्षकों से अपने विचार साझा किये।