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विकास कार्यों को धरातल पर मजबूती से उतारने की तैयारी में जुटी हेमंत सरकार, विधायकों को मिला टास्क

विश्वास मत के बाद पहली बार जुटे यूपीए विधायक

Ranchi :  हेमंत सोरेन की सरकार हर क्षेत्र में विकास कार्यों को मजबूती से धरातल पर उतारने की तैयारी में जुट गयी है. इस कड़ी में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में गुरुवार देर शाम यूपीए विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री आवास पर बुलायी गयी. बैठक में विकास कार्यों को लेकर रणनीति बनी. कांग्रेस के एक विधायक ने शुभम संदेश दैनिक अखबार को बताया है कि बीते 5 सितंबर को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में बहुमत साबित किया था. उसके बाद सभी विधायक अपने-अपने क्षेत्र में चल गए. सभी को पहले ही अपने विधानसभा में विकास कार्यों की स्थिति का आकलन करने का निर्देश मिला था. उसी कड़ी में आज मुख्यमंत्री ने फीडबैक लेने के लिए यह बैठक बुलायी थी. बैठक में निर्देश दिया गया है कि विकास कार्यों को मजबूती से धरातल पर उतारा जाए. बैठक में विधायकों को इस बाबत टास्क भी मिला है. बैठक में ग्रामीण विकास मंत्री सह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री सत्यानंद भोक्ता सहित कांग्रेस, झामुमो के सभी विधायक व मंत्री उपस्थित थे.

गीता कोड़ा के शामिल होने से तरह-तरह की उठी चर्चा

बैठक में कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा के शामिल होने से तरह- तरह की चर्चा होती रही. माना गया कि मुख्यमंत्री ने 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति के विरोध में उठ रहे स्वर को दबाने के लिए यह बैठक बुलायी है. बता दें कि कोल्हान की बात कर सांसद गीता कोड़ा सरकार की इस पहल का विरोध कर रही है. यूपीए की बैठक से निकले के बाद सभी मंत्रियों और विधायकों ने इस बात का सिरे से खंडन किया कि यह बैठक 1932 की स्थानीय नीति को लेकर बुलायी गयी थी.

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सभी ने कहा, विकास के मुद्दे पर हुई बातचीत

सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री सह कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि यूपीए बैठक में विकास के मुद्दे पर चर्चा हुई. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि 1932 खतियान को लेकर कोई भी समस्या नहीं है. वहीं, झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने बताया कि गठबंधन के सभी नेता 1932 खतियान लागू करने के मामले में एकमत हैं. इसे लेकर किसी तरह की कोई भी विरोधाभास की स्थिति नहीं है.

मुख्यमंत्री ने मेरी बातों को गंभीरता से सुना – गीता कोड़ा 

इस मुद्दे पर सांसद गीता कोड़ा ने मीडिया को बताया कि बैठक में उन्होंने विशेष तौर पर 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति लागू करने पर कोल्हान क्षेत्र में होने वाली समस्या से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना. आश्वस्त किया कि किसी को किसी तरह की कोई भी समस्या नहीं होगी.

गीता कोड़ा और पूर्णिमा नीरज सिंह ने किया है 1932 की स्थानीय नीति का विरोध

बता दें कि झारखंड में 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति को हेमंत सोरेन सरकार का एक ब़ड़ा मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है. झामुमो जहां इसे सरकार की उपलब्धि बता रही है, वहीं कांग्रेस ने भी दो दिन पहले एक प्रस्ताव पास कर सरकार के इस कदम का स्वागत किया है. हालांकि कांग्रेस के अंदर विरोध के भी स्वर उठ रहे हैं. विरोध करने वाले नेताओं में चाईबासा सांसद गीता कोड़ा और झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह शामिल हैं.

सरकार बुला सकती है विधानसभा का विशेष सत्र

चर्चा यह भी है कि 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण को 14 से 27 प्रतिशत करने के विधेयक को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने को लेकर भी चर्चा हुई है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पायी है. बता दें कि 1932 की सर्वे खतियान आधारित स्थानीय नीति और ओबीसी आरक्षण को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने बढ़ाने के विधेयक के लाए प्रस्ताव को बीते 14 सितंबर की कैबिनेट की बैठक में स्वीकृति मिली है.

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