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अवैध प्लाटिंग पर तेज हुई कार्रवाई अब तक 700 खसरों की 350 एकड़ जमीन की खरीदी बिक्री पर लगा प्रतिबंध कलेक्टर डॉ भुरे ने बैठक में सभी विभागों के कामकाज की समीक्षा की

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रायपुर जिले में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई तेजी से जारी है। पिछले लगभग चार महीनों में जिले में अवैध प्लाटिंग से जुड़े 700 खसरों को कलेक्टर के निर्देश पर ब्लॉक कर दिया गया है। इस कार्रवाई से 350 एकड़ से अधिक जमीन की खरीदी बिक्री और रजिस्ट्री पर रोक लग गई है। आज समय सीमा की बैठक में कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे ने इसकी समीक्षा की और अवैध प्लाटिंग पर तेजी से जांच करते हुए कार्रवाई करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। रेड क्रॉस सभागार में समय सीमा की साप्ताहिक बैठक में कलेक्टर डॉ भुरे ने सभी विभागों के काम काज और शासकीय योजनाओं- कार्यक्रमो के क्रियान्वयन की समीक्षा की। डॉ भुरे ने सभी विभागीय अधिकारियों को जनहित की योजनाओं और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेज़ी लाने के निर्देश दिए। बैठक में सभी राजस्व अधिकारियों सहित विभागीय जिलास्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

बैठक में कलेक्टर ने सस्ते दामों पर दवाई उपलब्ध कराने वाली धनवंतरी दवाई दुकानों के संचालन को व्यवस्थित करने के निर्देश दिए। उन्होंने इन दुकानों में पर्याप्त मात्रा में दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और डॉक्टरों द्वारा इन दुकानों में उपलब्ध दवाओं को ही यथासंभंव मरीजों के लिए लिखने के भी निर्देश दिए। डॉ भुरे ने किसान सम्मान निधि के लिए पात्र सभी किसानों के बैंक एकाउंट, आधार नम्बर आदि दस्तावेज अपडेट कराने में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने शासकीय योजनाओं और निर्माण कार्यो के लिए आवंटित भूमि पर अतिक्रमण की स्थिति में तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश ताकि जनहित में योजनाओं और कार्यो को समय पर पुरा किया जा सके।

कलेक्टर ने सभी राजस्व अधिकरियों को आगामी 30 सितंबर तक गिरदावरी का काम पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने 1 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी के लिए भी प्रारंभिक तैयारियों की समीक्षा की। कलेक्टर ने खरीदी केन्द्रों में जरूरी व्यवस्थाएं, बारदाना की व्यवस्था, परिवहन आदि के बारे में भी खाद्य नियंत्रक से पूछा। डॉ भुरे ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल की क्षतिपूर्ति के लिए पात्र किसानों के प्रकरणों का बीमा कंपनी से तत्काल निपटारा कराकर क्षतिपूर्ति राशि दिलाने के निर्देश कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए।

कलेक्टर ने समय-सीमा की बैठक में गोधन न्याय योजना के कार्याे की भी समीक्षा की। उन्होंने अब तक हुए गोबर खरीदी, गोबर विक्रेताओं की संख्या, खाद बिक्री, खाद की पैकिंग, गौ-मूत्र खरीदी आदि महत्वपूर्ण बिंदूओं पर विस्तार से जानकारी ली तथा आवश्यक निर्देश दिए। कलेक्टर ने गौठानों में मछली पालन, बतख पालन, मशरूम, बाड़ी जैसी गतिविधियां संचालित करते हुए प्रत्येक गौठान में आजिविका मूलक गतिविधियों का जल्द से जल्द शुरूआत करने कहा है। उन्होंने जिले में गोधन न्याय योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए गौठानवार मानिटरिंग करने के निर्देश दिए है।