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झारखंड : सीएम हेमंत सोरेन के आदेश के बाद 234 हॉस्टल को मिला नया स्वरूप

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Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कड़े निर्देश के बाद आखिरकार राज्य के 234 हॉस्टल काे नया स्वरूप मिल गया. अब इन छात्रावासों में टूटे-फूटे फर्श, बरसात में छत से टपकते पानी, जीर्ण-शीर्ण खिड़की और दरवाजे से मुक्ति मिल रही है. वर्षों से रंग- रोहन को तरसते हॉस्टल के भवनों को अब नया लुक मिल रहा है. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक हॉस्टल का स्वरूप बदलने लगा है. आधुनिक आधारभूत संरचनाओं से सुसज्जित आदिवासी हॉस्टल नजर आने लगे हैं. अब ऐसे हॉस्टल में फर्श, आंखों को सुकून देने वाली दीवारों पर सजे रंग, स्वच्छ शौचालय, लाइब्रेरी, पानी और बिजली की व्यवस्था हो गयी है.

जीर्णोद्धार का कार्य दो वर्ष में पूर्ण करना है

ऐसे 593 छात्रावासों में से 234 छात्रावासों को नया स्वरूप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद प्रदान कर दिया गया है. इनमें अनुसूचित जनजाति के 42, अनुसूचित जाति के 96, पिछड़ा वर्ग के 47 और 92 अल्पसंखयक छात्रावास शामिल हैं. 221 छात्रावासों के जीर्णोद्धार का कार्य दो वर्ष में पूर्ण करना है. जबकि वित्तीय वर्ष 2022 -23 में 139 एवं 2023-24 में 82 छात्रावासों का जीर्णोद्धार कार्य प्रस्तावित है. छात्रावासों के नवीनीकरण के दौरान छात्रों के हितों को प्राथमिकता देते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है.

छात्रावासों में अब अनाज, रसोईया और सुरक्षा की व्यवस्था करेगी सरकार

मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री चंपई सोरेन के निर्देश के बाद कल्याण विभाग के छात्रावासों के जीर्णोद्धार का काम तो किया ही जा रहा है, साथ ही छात्रावासों में सुरक्षा प्रहरी एवं रसोईया की भी बहाली करने का प्रबंध हो रहा है. मुख्यमंत्री ने रिक्त पड़े पद को यथाशीघ्र भरने का आदेश दिया है. वर्तमान में कुल 90 सुरक्षा प्रहरी एवं रसोईया कार्यरत हैं. पूर्व की व्यवस्था के तहत कल्याण विभाग के इन छात्रावासों में रहने वाले छात्रों को अपने घर से अनाज ले जाना पड़ता था. लेकिन सरकार अब इन छात्रावासों में छात्रों के लिए अनाज भी उपलब्ध कराएगी. इसके लिए छात्रों को किसी तरह का शुल्क नहीं चुकाना होगा.

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