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क्या थी सीतापुर की वो घटना? जिसे लेकर सपा ने विधानसभा में किया जमकर हंगामा, अखिलेश करते रहे चर्चा की मांग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन हंगामेदार रहा। नेता विपक्ष व सपा मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा करते हुए योगी सरकार को आड़े हाथों लिया। वहीं सत्र के दौरान अखिलेश ने सीतापुर से अपने बच्चे का लखनऊ केजीएमयू इलाज कराने आये एक पीड़ित पिता का एक प्रकरण का जिक्र करते हुए प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं अखिलेश के सवालों का सीएम योगी ने जवाब दिया। जिससे असंतुष्ट नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन से वॉक आउट किया। फिलहाल विधानसभा कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए सदन में विधानसभा अध्यक्ष को बताया कि मानवाधिकार ने सरकार को नोटिस दिया है। उन्होंने ने सदन को बताया कि एक पिता अपने बच्चे को ऑक्सीजन लेकर के सीतापुर से चला, लेकिन लखनऊ में इलाज नहीं मिला। सपा मुखिया ने आगे कहा कि उस नोटिस का जवाब सरकार को देना है या उस इंस्टिट्यूशन को देना है। वहीं अखिलेश ने पूछा कि क्या यह महत्वपूर्ण सवाल नहीं है।

क्या था पूरा मामला?
दरअसल बीते दिनों सीतापुर जिले के रेउसा ब्लॉक निवासी रजित राम कश्यप के 11 महीने के बेटे को आंतरिक रक्तस्राव हो रहा था। पीड़ित ने अपने बच्चे को पहले सीतापुर के एक निजी अस्पताल में ले गया था, लेकिन हालत गंभीर होने पर वहां से डॉक्टर ने ऑक्सीजन सपोर्ट देकर बच्चे को इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू के लिये रेफर कर दिया। जिसके बाद पीड़ित पिता अपने बच्चे को लेकर केजीएमयू पहुंचे थे।

पिता लगाता रहा चक्कर
बताया जा रहा है कि पीड़ित पिता अपने बच्चे को केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर से लेकर बाल रोग विभाग तक चक्कर लगाता है। लेकिन दुर्भाग्यवश मासूम बच्चे को केजीएमयू में भी इलाज नहीं मिल पाया। जबकि उसे वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत थी। वहीं मिली जानकारी के मुताबिक, दर-दर भटकने के बाद आखिर में पीड़ित पिता किसी के कहने पर अपने बच्चे का इलाज कराने के लिये उसे निजी अस्पताल ले गया।

वहीं ट्रॉमा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप की माने तो ऐसा संभव नहीं है कि बच्चे को प्राथमिक ईलाज न मिला हो। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि ट्रॉमा में मरीजों का बहुत लोड रहता है इस वजह से ट्रामा में हमेशा बेड-वेंटिलेटर फुल रहते हैं।