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मां बेटियों की मौत: मिस्ड कॉल से शुरू हुई आयशा की प्रेम-कहानी का खौफनाक अंत, हत्या-आत्महत्या में उलझा मामला

मेरठ में चार साल पहले एक मिस्ड कॉल से शुरू हुई हापुड़ की युवती और खरखौदा के ड्राइवर की प्रेम कहानी का मंगलवार को खौफनाक अंत हो गया। आयशा ने प्रेमी के साथ जिंदगी बिताने के सुनहरे सपने देखे थे लेकिन उसे क्या खबर थी कि प्रेमी से शादी के बाद उसकी जिंदगी जेहन्नुम बनने जा रही है। निकाह परिवार की मर्जी के खिलाफ हुआ था। आयशा का अपने मायके में आना-जाना बंद हो गया था। उधर, प्रेमी से पति बना ड्राइवर मुश्ताक भी आयशा को प्रताड़ित करने लगा था।

इन चार साल में आयशा दो बेटियों की मां बन चुकी थी। बेटियों की परवरिश और घर में आमदनी को लेकर अक्सर पति-पत्नी में विवाद रहने लगा था। मंगलवार को आयशा की पीड़ा इस हद तक पहुंच गई कि उसने मासूम बेटियों समेत खुद का जलाने का प्रयास किया लेकिन पति ने उसे रोक लिया। मौत आयशा के आसपास मंडरा रही थी, पति को अनहोनी का अंदेशा हुआ तो उसने पुलिस को सूचना दी, लेकिन इसी बीच आयशा घर से गायब हो गई। पति पुलिस और ग्रामीणों के ढूंढने पर मां व दोनों बेटियों के शव एक पेड़ से लटके मिले। आयशा की मौत के साथ एक मिस्डकॉल से शुरू हुई प्रेम कहानी का खौफनाक अंत हो गया। वहीं इस घटना ने कई सुलगते सवाल छोड़ दिए हैं।

हापुड़ के धौलाना थानाक्षेत्र के बझेड़ा गांव निवासी आयशा और खरखौदा के गोविंदपुर गांव के ड्राइवर मुश्ताक की प्रेम कहानी का मंगलवार शाम खौफनाक अंत हो गया। आयशा और उसकी दो मासूम बेटियों के शव एक ही पेड़ पर रस्सियों से लटके मिले। घटनास्थल का पहुंचे ग्रामीण बोले कि हत्या के बाद शव पेड़ पर लटकाए गए हैं। पूरा घटनाक्रम देखकर पुलिस भी हत्या की जांच करने की बात कह रही है।

पुलिस की सूचना पर मायके से आयशा के भाई नफीस पहुंचे और कहा कि उसने परिवार की मर्जी बगैर निकाह किया था। उससे परिवार का कोई वास्ता नहीं। पुलिस के मुताबिक मुश्ताक ने पूछताछ में बताया कि चार साल पहले आयशा की मिस कॉल आई थी। जिसके बाद फोन पर बातचीत शुरू हुई व प्रेम-प्रसंग हो गया।

 

दोनों ने परिवार की मर्जी बगैर निकाह कर लिया। पुलिस ने बताया कि मंगलवार सुबह 9:00 बजे मुश्ताक का आयशा से झगड़ा हुआ था। आयशा घर में आग लगाकर मरने की बात कह रही थी। उसने खुद को आग लगा दी थी, जैसे तैसे उसे बचाया गया। मुश्ताक की सूचना पर पुलिस पहुंची। पुलिस व ग्रामीणों के ढूंढने पर सात घंटे बाद करीब 4:00 बजे आयशा व उसकी दोनों बच्चियों के शव एक ही पेड़ पर फंदे पर लटके मिले।

 

बताया कि दो घंटे मुश्ताक पुलिस के साथ अपनी पत्नी को ढूंढने में शामिल था, लेकिन पांच घंटे वह कहां था। इसके बारे में किसी को कुछ नहीं पता। मुश्ताक के पास कोई मोबाइल भी नहीं था। ग्रामीणों का कहना है कि महिला और उसकी बच्चियों ने आत्महत्या नहीं की है। यह हत्या हो सकती है। आत्महत्या दर्शाने के लिए शवों को पेड़ पर लटकाया है।