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देशी शराब में 17.65 प्रतिशत, विदेशी मदिरा में 1.6 प्रतिशत तथा बीयर में 52.5 प्रतिशत अधिक की हुई खपत

मा. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ जी द्वारा प्रदेश में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी के विरूद्ध कठोरतम कार्यवाही किये जाने के आदेश दिये गये है। उक्त के अनुक्रम में आबकारी मंत्री श्री नितिन अग्रवाल द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में प्रदेश में अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्कदरी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने तथा निर्धारित राजस्व, लक्ष्य की शत-प्रतिशत प्राप्ति सुनिश्चित किये जाने के दिये गये निर्देश के अनुपालन में प्रदेश में प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से लगातार प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही की जा रही है।
यह जानकारी प्रदेश के अपर मुख्य सचिव आबकारी, श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने दी। उन्होंने बताया कि आबकारी विभाग द्वारा लगातार की जा रही प्रवर्तन कार्यवाही के फलस्वरूप माह जुलाई, 22 में रू0 3,160 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया, जबकि गतवर्ष माह जुलाई में रू0 2,795 करोड़ की प्राप्ति की गयी थी। इसी प्रकार गतवर्ष माह जुलाई तक रू0 11,164 करोड़ राजस्व मिला था, जो इस वर्ष बढ़कर इसी अवधि में रू0 1,710 करोड़ अधिक आय अर्जित करते हुए रू0 12,874 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया गया, जो गतवर्ष की तुलना में 15.31 प्रतिशत अधिक रहा। राजस्व की उपलब्धि आबकारी विभाग द्वारा अवैध मदिरा के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी के विरूद्ध किये जा रहे निरन्तर प्रभावी प्रवर्तन कार्यों के कारण सम्भव हो सका। राजस्व लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये आबकारी विभाग निरन्तर प्रयास करते हुए पूरी तरह से कटिबद्ध है।
अपर मुख्य सचिव ने यह बताया कि माह अप्रैल से लेकर माह जुलाई, 2022 तक देशी मदिरा की खपत में लगातार वृद्धि प्राप्त की गयी है। माह जुलाई 21 तक जहॉं देशी मदिरा की खपत प्रदेश में लगभग रू0 5,124 करोड़ हुई थी वहीं इस वर्ष इसी अवधि में लगभग रू0 6,029 करोड़ की खपत हुई है, जिससे राज्य सरकार को रू0 906 करोड़ की अधिक आय सुनिश्चित किया जाना सम्भव हुआ है।
  मदिरा के उपभोग के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव ने आगे यह भी बताया कि इस अवधि में विदेशी मदिरा तथा बीयर के उपभोग में लगातार वृद्धि प्राप्ति की जा रही है। विदेशी मदिरा में माह जुलाई, 2021 तक जहॉं एक ओर लगभग रू0 3,456 करोड़ की बिक्री की हुई थी, वही जुलाई, 2022 तक लगभग रू0 3,504 करोड़ की खपत हुई, जिससे प्रदेश सरकार को गतवर्ष की तुलना में रू0 48 करोड़ अधिक आय सुनिश्चित की जा सकी है।
इसी प्रकार बीयर के खपत के सम्बन्ध में भी श्री भूसरेड्डी द्वारा बताया गया कि गतवर्ष माह जुलाई, 2021 तक बीयर में लगभग रू0 1,394 करोड़ की बिक्री की गयी थी, वहीं इस वर्ष लगभग रू0 2,134 करोड़ की बिक्री प्राप्त की गयी, जिससे गतवर्ष की इसी अवधि की तुलना में रू0 740 करोड़ की अधिक आय प्राप्त़ हुई है।
इसी क्रम में आबकारी आयुक्त, श्री सेंथिल पांडियन सी द्वारा अवगत कराया गया कि अधिकाधिक आय सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में आबकारी विभाग निरन्तर प्रयत्नशील है। इस क्रम में विभाग द्वारा ईज आफ डूइंग बिजनेस के दर्शन की संकल्पना को साकार रूप देने के लिये विभाग द्वारा बहुत से नियमों का सरलीकरण किया गया है तथा कार्यों के अधिक आसानी से कराया जाना सुनिश्चित करने के लिये स्थानीय स्तर तक के अधिकारियों को अधिकारों का विकेन्द्रीकरण किया गया है। आबकारी विभाग अधिक से अधिक राजस्व अर्जित करने के उद्देश्य से राजस्व अर्जन के विभिन्न नये-नये श्रोतों को विकसित किया जा रहा है। इस क्रम में विभाग द्वारा प्रदेश में उद्यमियों को प्रोत्साोहित करते हुए नई डिस्टिलरियों की स्थागना तथा पहले से स्थापित डिस्टिलरियों के अधिष्ठोपित क्षमता में विस्तार किया गया है। इसके अतिरिक्त विभाग अन्य नये श्रोतों के रूप में अधिकाधिक माइक्रोब्रेवरी की स्थापना, नये रेस्टोनबार लाइसेंसों की स्वीकृति, रिटेल वेन्डर के नये कान्सेप्ट, होम बार लाइसेंस प्रदान किये जाने की दिशा में भी कदम बढ़ाया गया है। इसी के साथ प्रदेश में खपत से बचे हुए फलों के सदुपयोग तथा फल उत्पादक किसानों के आय में वृद्धि के लिये वाइनरीज उद्योगों की स्था्पना की दिशा में भी कदम बढ़ा चुका है।
आबकारी आयुक्त द्वारा अधिकाधिक राजस्व प्राप्ति सुनिश्चित किये जाने के लिये और अधिक प्रभावी ढंग से अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं तस्करी पर पूर्ण अंकुश लगाये जाने के लिये क्षेत्रीय अधिकारियों को प्रशासन, पुलिस तथा जी.एस.टी. एवं परिवहन विभाग के अधिकारियों से समन्वय बनाते प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही के साथ-साथ आबकारी दुकानों का सतत निरीक्षण किये जाने एवं आबकारी अपराधों में संलिप्त व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। उनके द्वारा यह भी बताया गया कि अधिकाधिक राजस्व का अर्जन विभाग द्वारा लगातार किये जा रहे प्रवर्तन कार्यवाही से सम्भव हो सका है। शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य् की शत-प्रतिशत प्राप्ति के लिये विभाग कृत संकल्प है।