Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

डा0 शंकुतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में आर. सी. आई. नई दिल्ली द्वारा प्रास्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स में पी. जी. (एम. पी. ओ.)की मान्यता प्राप्त हुयी

Default Featured Image

दिव्यांगजन के सशक्तिकरण के लिए डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह देश का पहला राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय है जिसने दिव्यांगजन को समाज की मुख्यधारा में शामिल करने एवं उच्च स्तरीय शिक्षा के साथ-साथ पुनर्वास के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में ही कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र की स्थापना की गई है। दिव्यांगजन को गुणवत्तापूर्ण पुनर्वास एवं सेवाएं उपलब्ध कराने की बढ़ती मांग को दृष्टिगत  रखते हुए केंद्र द्वारा वर्तमान में उच्च तकनीकी पर आधारित गुणवत्तापूर्ण कृत्रिम एवं पुनर्वास की सेवा प्रदान की जा रही है,  जिसके अंतर्गत दिव्यांगजनों को कृत्रिम अंग, कैलीपर एवं सहायक उपकरणों की आवश्यकतानुसार निर्माण एवं पुनर्वास सेवा निः शुल्क किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित कृत्रिम अंग एवं पुनर्वास केंद्र को भारतीय पुनर्वास परिषद (आर. सी.आई.) नई दिल्ली द्वारा प्रास्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स में पी.जी. की मान्यता प्रदान की गयी है। यह केंद्र एवं प्रदेश का प्रथम केंद्र है, जिसको भारत सरकार द्वारा एम.पी. ओ. पाठ्यक्रम में मान्यता प्रदान की गई है। इस कोर्स को करने के लिए न्यूनतम योग्यता बी.पी. ओ. (बैचलर इन प्रास्थेटिक्स एवं ऑर्थोटिक्स) के साथ आर. सी. आई. में भी पंजीकृत होना अनिवार्य है।
 आवेदन करने के इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर शीघ्र ही आवेदन कर सकते हैं।