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पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 22 अगस्त से शुरू होगा पांच जनपदों में प्रशिक्षण कार्यक्रम

आजमगढ़ की ब्लैक पॉटरी, वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी, फिरोजाबाद का ग्लासवेयर, बांदा का शजर स्टोन तथा मुरादाबाद के ब्रासवेयर अब ग्राहकों को और बेहतर डिजाइन एवं आकर्षक पैकेजिंग में मिलेंगे। ये उत्पाद एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत चयनित है। इनकी देश-विदेश में भारी मांग। इन जिलों के कारीगरों को उत्पादों को नई डिजाइन विकसित करने और आकर्षक पैकेजिंग के साथ प्रस्तुत करने का प्रशिक्षण दिया जायेगा।
     अपर मुख्य सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने बताया कि एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना के तहत चिन्हित उत्पादों की डिजाइन और पैकेजिंग आकर्षक बनाने के लिए ओडीओपी एवं इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग (आईआईपी) के बीच समझौता हुआ है। देश-विदेश के ग्राहकों का ओडीओपी उत्पादों के प्रति रूझान बढ़ाने के लिए उत्पादों की पैकेजिंग गुणवत्ता एवं डिजाइन में सुधार कर उत्पादों को निर्यातमुखी बनाया जायेगा। इण्डियन इन्स्टीट्यूट ऑफ पैकेजिंग (आईआईपी) के विशेषज्ञ प्रदेश के प्रत्येक जनपद में कार्यशाला आयोजित कर कारीगरों एवं उद्यमियों को पैकेजिंग का गुर सिखायेगें। पायलेट प्रोजेक्ट के तौर प्रशिक्षण का कार्यक्रम आगामी 22 अगस्त प्रदेश के पांच जनपदों में शुरू किया जायेगा। इसके बाद पूरे प्रदेश में यह कार्यक्रम चलाया जायेगा।
     अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रत्येक जिले में कोई न कोई उत्पाद अपनी खुबियों के लिए प्रसिद्ध है। पारंपरिक कारीगरों को उत्पादों की बिक्री के उचित प्लेटफार्म प्राप्त न होने से उनका दायरा सीमित था। यूपी की ओडीओपी योजना ने प्रदेश के स्थानीय उत्पादों को एक नई पहचान दी है और स्वरोजगार के नये अवसरों का सृजन किया है। आज के नये दौर में उत्पादों की पैकेजिंग बहुत मायने रखती है। पैकेजिंक आकर्षक और सही ढंग से होने पर उत्पाद टिकाऊ होंगे, कारीगरों की बिक्री बढ़ेगी और मुनाफा अधिक होगा। उन्होंने बताया कि ओडीओपी के निर्माताओं को भी समय-समय पर मार्गदर्शन देकर उनके उत्पादों की गुणवत्ता स्तरीय किये जाने पर जोर दिया जा रहा है, ताकि विदेशी बाजारों में ओडीओपी के उत्पाद अपनी लोकप्रियता स्थापित कर सकें।