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Varanasi Tatoo News: टैटू गुदवाने के शौकीन हैं तो थोड़ा संभलकर रहें! बनारस में टैटू बनवाने के बाद 12 निकले HIV पॉजिटिव

वाराणसी: अगर आप टैटू गुदवाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए। बनारस में टैूट गुदवाने के बाद 12 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्‍याय जिला अस्‍पताल में दो महीने के अंदर हुई जांच में 10 युवक और 2 युवतियां एचआईवी संक्रमित (Varanasi Tatoo HIV News) पाए गए हैं। इनमें एक युवती एमबीबीएस की छात्रा है। अस्‍पताल की एंटी रेट्रो वायरल ट्रीटमेंट सेंटर की डॉ. प्रीति अग्रवाल के मुताबिक युवाओं में संक्रमण की वजह इनफेक्टेड निडिल से टैटू बनवाना है।

डॉ. प्रीति ने बताया कि इस सभी युवाओं ने हाल ही में टैटू बनवाए थे। कुछ दिन बाद ही इन्हें नियमित बुखार आने तथा कमजोरी की शिकायत होने लगी। जांच करवाने पर रिपोर्ट पॉजिटिव आई। काउंसलिंग में पता चला कि इन लोगों ने मेले या फेरी वाले से टैटू बनवाया था। निडिल इनफेक्टेड होने के कारण संक्रमण फैल गया।

बड़ागांव निवासी 20 साल के युवक ने गांव में लगे मेले में अपने हाथ पर टैटू गुदवाया था। कुछ महीने बाद उसकी तबीयत खराब होती गई। पहले बुखार आया, फिर कमजोरी रहने लगी। उसने तमाम डॉक्‍टरों को दिखाया पर आराम नहीं मिला। बाद में उसके एचआईवी संक्रमित होने की पुष्टि हुई। दरअसल इनफेक्‍टेड सूई से टैटू बनवाने की वजह से उसका यह हाल हुआ है।

इसी तरह नगवां की रहने वाली युवती का मामला सामने आया है। युवती ने एक फेरी वाले से टैटू बनवाया था। इसके कुछ ही दिनों बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। जांच में उसके एचआईवी पॉजिटिव होने का पता चला। डॉ प्रीति अग्रवाल का कहना है कि इन सब लोगों की समस्‍या के पीछे इनफेक्‍टेड सूई से टैटू गुदवाना कारण है। दरअसल जिस सूई से टैटू बनाया जाता है वह काफी महंगी होती है। एक टैटू बनाने के बाद उस सूई को नष्‍ट कर देना चाहिए पर ज्‍यादा पैसा कमाने के चक्‍कर में आर्टिस्‍ट एक सूई से एक से ज्‍यादा टैटू बना देते हैं।