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प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एन0आर0आई0 एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी‘ ने आज पिकअप भवन, लखनऊ में यमुना एक्सप्रेसवे, आर्बिट्रेशन की स्थिति, औद्योगिक विकास प्राधिकरण के विकास कार्यों, निर्माणाधीन सम्बन्धित एक्सप्रेसवे, लॉजिस्टिक पार्क, वेयरहाउस के निर्माण की स्थिति, भूमि आवंटन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट की स्थिति आदि की समीक्षा बैठक की। मंत्री श्री नंदी ने अधिकारियों से जानकारी प्राप्त किया कि जिन अधिकारियों/कर्मचारियों का ट्रांस्फर हुआ है उन लोगों ने ज्वाएन कर लिया या नहीं। अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि पांच साल का डेटा बना लें कि कितना काम होना है और उसको साल में बदलें तत्पश्चात हर तीन महीने पर बतायें कि कितना काम हुआ और उसकी रिपोर्ट हर मीटिंग में रखें।
मंत्री श्री नंदी को अधिकारियों ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के विरूद्ध विभिन्न न्यायालयों में लम्बित प्रकरण में प्राधिकरण की ओर से पैरवी कर रहे पूर्णकालिक अधिवक्ताओं का विवरण, कोर्ट केसेज/आर्बिटेªशन स्थिति, लॉजिस्टिक पार्क एवं वेयरहाउस के निर्माण की स्थिति के बारे में अवगत कराया गया।
अपर मुख्य सचिव श्री अरविन्द कुमार ने मंत्री श्री नंदी को बताया कि लॉजिस्टिक पार्क यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में टप्पल-बाजना नगरीय केन्द्र के रूप में महायोजना में उत्तर प्रदेश शासन द्वारा अनुमोदित किया गया है। लॉजिस्टिक पार्क का विकास टप्पल-बाजना नगरीय केन्द्र में प्रथम चरण के रूप में विकसित किया जाना है। उन्होंने बताया कि जेवर एयरपोर्ट की स्थापना के दृष्टिगत लॉजिस्टिक हब के सम्भावित मांग के दृष्टगत इसका विकास किया जाना है।
मंत्री श्री नंदी ने यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में आ रही मुख्य सड़कों की प्रगति के बारे में पूछा, अधिकारियों ने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे के समानान्तर 7.10 किमी0 चैनेज से 30.00 किमी0 चैनेज तक अर्थात कुल 22.90 किमी0 लम्बाई में सड़क का निर्माण लगभग पूर्ण कर लिया गया है। यह यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की मुख्य सड़क है, जिससे यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के लगभग सभी सेक्टर जुड़े हुये हैं। उन्हें बताया गया कि इस सड़क के निर्माण से क्षेत्र की जनता के साथ-साथ प्राधिकरण के सभी सेक्टरवासियों को प्रस्तावित जेवर एयरपोर्ट से सीधे कनेक्टिविटी उपलब्ध हो सकेगी।
औद्योगिक सेक्टर-28 के बारे में बताया गया कि सेक्टर-28 में ही डाटा सेन्टर हेतु 05 एकड़ के 03 नग एवं 10 एकड़ के नग भूखण्डों का नियोजन भी किया गया है। मेडिकल डिवाईस पार्क के प्रथम पार्ट को शीघ्र विकसित किये जाने के उद्देश्य से विकास कार्य की निविदा 13.67 करोड़ रू0 आमंत्रित कर कार्य कराये जा रहे हैं। वित्तीय चरण का प्राक्कलन तैयार कर लिया गया है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 40.00 करोड़ रू0 है। इसी तरह सेक्टर-22 ई में संस्थागत/कारपोरेट ऑफिस के भूखण्डों के विकास कार्य से सम्बन्धित विवरण, आवासीय सेक्टर-17, सेक्टर-18 एवं 20 के विकास कार्योंे का विवरण, सेक्टर-18, 20 एवं 22 डी में विकसित भूखण्ड का विवरण, औद्योगिक सेक्टर-24 एवं 24 ए, इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर, विद्युत/यांत्रिक विभाग द्वारा चलायी जा रही प्रमुख योजनाओं का विवरण विस्तार से मंत्री जी के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
मंत्री श्री नंदी ने प्राधिकरण में अवस्थापना सुविधाओं की उपलब्धि के बारे में विस्तार से चर्चा की जैसे स्ट्रीट लाईट के कार्य, स्मार्ट विलेज, स्मार्ट विलेज चयन का आधार और स्मार्ट विलेज के नामों का विवरण जाना। उन्हें बताया गया कि प्राधिकरण के 96 औद्योगिक नगरी क्षेत्रों के अन्तर्गत विकास कार्य प्राधिकरण द्वारा अभी म्यूनिस्पिल सेवायें उपलब्ध करायी जा रही हैं। प्रथम चरण में ग्रामों में सी0सी0 इन्टरलॉकिंग टाईल्स, डेªन व स्ट्रीट लाईट का कार्य अनुबन्ध गठित कर कराया जा रहा है। मंत्री श्री नंदी ने प्राधिकरण द्वारा औद्योगिक नगरों में जन सामान्य हेतु दी जा रही अन्य सुविधायें, साफ-सफाई की व्यवस्था के बारे में भी जाना। प्राधिकरण के 96 औद्योगिक नगरी क्षेत्रों के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के कायाकल्प के कार्य को समझा।
उन्होंने एक्सप्रेसवेज के पास मैन्युफेक्चरिंग के लिये चिन्हित की गई भूमि की स्थिति के बारे में जाना। बताया गया कि भारत सरकार की योजना के अन्तर्गत मेडिकल डिवाईस पार्क की स्थापना यमुना एक्सप्रेस प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-28 में की जा रही है। यह योजना दो चरणों में 350 एकड़ भूमि में विकसित होगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्री अरविन्द कुमार और उच्च अधिकारीगण मौजूद रहे।