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यूपी में योगी सरकार आते ही माफिया पर चलने लगा था चाबुक, देखिए मार्च 2017 से अबतक कितनों पर हुई कार्रवाई

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी सरकार का गुंडे-माफिया के खिलाफ कड़ा रुख रहा है। यही वजह है कि मार्च 2017 से अब तक 62 माफिया गिरोह की 1832 करोड़ से अधिक की संपत्ति को ध्वस्त किया जा चुका है। वहीं, विधानसभा चुनाव 2022 में दोबारा वापसी के बाद भी लगातार गुंडे-माफियाओं और अवैध जमीन कब्जेदारों के खिलाफ खूब बुलडोजर चला। इसको लेकर सरकार की चर्चा हुई, लेकिन विपक्ष मुख्यमंत्री के बुलडोजर कार्रवाई की खूब आलोचना की। बावजूद इसके लगातार बुलडोजर चलता रहा।

5 महीने में 868 करोड़ की संपत्ति जब्त
योगी सरकार ने पिछले पांच महीने में 868 करोड़ से अधिक की संपत्ति जब्त की है। इसके साथ ही 50 माफिया गिरोह के अलावा डीजीपी मुख्यालय स्तर के 12 अन्य माफिया के खिलाफ कार्रवाई की गई है। पुलिस ने अब तक 900 सक्रिय सदस्यों के साथ माफिया गिरोह के 289 सक्रिय सदस्यों की हिस्ट्रीशीट खोली है। वहीं, 317 से अधिक शस्त्र लाइसेंस निरस्त कराए गए हैं। सीएम योगी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अफसरों और सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे करने वाले भूमाफियाओं के खिलाफ नजरें तिरछी किए हुए हैं, इसीलिए वह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी कोई संकोच नहीं कर रहे हैं।

इन अधिकारियों के खिलाफ सीएम ने की कार्रवाई
लापरवाही और भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए योगी सरकार लगातार अग्रसर हैं। यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग में ट्रांसफर नीति के खिलाफ हुए तबादलों को लेकर अपर निदेशक स्वास्थ्य प्रशासन डॉ. अशोक कुमार पांडेय, अपर निदेशक (पैरामेडिकल) डॉ. राकेश कुमार गुप्ता, संयुक्त निदेशक (पैरामेडिकल) डॉ. अरविंद कुमार वर्मा और प्रशासनिक अधिकारी मोहम्मद इस्माइल को निलंबित कर दिया था। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी विभाग में 5 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया था। उसमें पीडब्ल्यूडी हेड और चीफ इंजीनियर मनोज गुप्ता का नाम भी था।
इनपुट- संदीप तिवारी

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