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सॉल्वर गैंग : कभी था नकल माफिया का गुर्गा, अब चला रहा अपना साम्राज्य

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लेखपाल भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले जिन पांच लोगों को एसटीएफ ने पकड़ा है, उनके तार कुख्यात अंतरराज्यीय नकल माफिया केएल पटेल से जुड़ने की बात सामने आई है। रविवार को गिरफ्तार गिरोह का सरगना विजयकांत पटेल कभी उसका बेहद खास गुर्गा था। लेकिन केएल पटेल के जेल जाने के बाद उसने अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया। इसके बाद कई परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाए। अब उनके निशाने पर लेखपाल भर्ती परीक्षा थी। 

सोरांव से पकड़े गए विजयकांत पटेल ने 2012 में राजकीय पॉलीटेक्निक सोरों, कासगंज से डिप्लोमा कोर्स किया था। 2016 में वह केएल पटेल के संपर्क में आया और फिर उसके मुबारकपुर, फूलपुर स्थित आईटीआई कॉलेज में पढ़ाने लगा। बीच में कुछ दिनों के लिए उसने विवेकानंद आईटीआई कॉलेज, सोरांव में भी बतौर शिक्षक काम किया। एसटीएफ अफसरों के मुताबिक, कॉलेज में पढ़ाने के दौरान ही उसने केएल पटेल संग मिलकर पेपर आउट कराने, सॉल्वर बैठाने व जाली एडमिट व आधार कार्ड बनाने का भी काम किया। 2019 में केएल पटेल 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में जेल भेजा गया तो उसने नौकरी छोड़ दी।

इसके बाद वह खुद ही अपने पूर्व परिचितों दिनेश कुमार व सोनू कुमार संग मिलकर परीक्षा पास कराने का ठेका लेने लगा। इस काम में उसका सहयोग संदीप पटेल निवासी अतनपुर बहरिया ने किया जो खुद केएल पटेल का बेहद करीबी है। साथ ही पूर्व में भर्ती परीक्षाओं में फर्जीवाड़े के ही मामले में उसके साथ जेल भी जा चुका है। गिरफ्तार विजयकांत संदीप के माध्यम से पेपर व उत्तरकुंजी प्राप्त करता था और फिर मोबाइल के जरिए परीक्षार्थियों को नकल कराता था। एसटीएफ अफसरों ने बताया कि संदीप की तलाश की जा रही है।  

कुल 70 लाख में तय हुआ था सौदा 
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में यह भी पता चला है कि विजयकांत व उसके सहयोगियों ने सात परीक्षार्थियों को 70 लाख में परीक्षा पास कराने का ठेका लिया था। इसके लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 10-10 लाख रुपये लिए थे। रुपये लेने के बाद ही उन्हें ब्लूटूथ डिवाइस व ईयरबड दी गई थीं।

 खुद को रेलकर्मी बताता था संदीप
झूंसी में पकड़ा गया संदीप पटेल खुद को रेलकर्मी व नरेंद्र पटेल स्वयं को निजी स्कूल का शिक्षक बताता रहा। इन्हें गिरफ्तार करने वाले एसटीएफ लखनऊ इकाई के डिप्टी एसपी लालप्रताप सिंह ने बताया कि दोनों से पूछताछ में पता चला कि उन्होंने अलग-अलग शहरों में कुल 10 परीक्षार्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस व ईयरबड देकर परीक्षा केंद्र में भेजा था।

पूछताछ में यह बात भी सामने आई है कि उन्हें परीक्षा शुरू होने के करीब 45 मिनट बाद पेपर की तस्वीर मिल गई थी। इसी के जरिए वह परीक्षार्थियों को पेपर सॉल्व कराने में लगे थे। पेपर की तस्वीर सोरांव के योगेश व बहरिया के अरविंद ने उपलब्ध कराई थी। उनकी तलाश की जा रही है। संदीप के पिता एडेड स्कूल में कर्मचारी हैं और नाना राजाराम पटेल शिक्षक थे। उसकी मां का निधन हो चुका है और परिवार लंबे समय से ननिहाल में ही रहता है। 

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लेखपाल भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने वाले जिन पांच लोगों को एसटीएफ ने पकड़ा है, उनके तार कुख्यात अंतरराज्यीय नकल माफिया केएल पटेल से जुड़ने की बात सामने आई है। रविवार को गिरफ्तार गिरोह का सरगना विजयकांत पटेल कभी उसका बेहद खास गुर्गा था। लेकिन केएल पटेल के जेल जाने के बाद उसने अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया। इसके बाद कई परीक्षाओं में सॉल्वर बैठाए। अब उनके निशाने पर लेखपाल भर्ती परीक्षा थी। 

सोरांव से पकड़े गए विजयकांत पटेल ने 2012 में राजकीय पॉलीटेक्निक सोरों, कासगंज से डिप्लोमा कोर्स किया था। 2016 में वह केएल पटेल के संपर्क में आया और फिर उसके मुबारकपुर, फूलपुर स्थित आईटीआई कॉलेज में पढ़ाने लगा। बीच में कुछ दिनों के लिए उसने विवेकानंद आईटीआई कॉलेज, सोरांव में भी बतौर शिक्षक काम किया। एसटीएफ अफसरों के मुताबिक, कॉलेज में पढ़ाने के दौरान ही उसने केएल पटेल संग मिलकर पेपर आउट कराने, सॉल्वर बैठाने व जाली एडमिट व आधार कार्ड बनाने का भी काम किया। 2019 में केएल पटेल 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में जेल भेजा गया तो उसने नौकरी छोड़ दी।