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International Car Racer: 17 साल की उम्र में छह खिताब जीत चुके हैं शहान, पिता शाहरू मोहसिन हैं जीवन का एक्सीलेटर

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आगरा के अंतरराष्ट्रीय कार रेसर शहान अली मोहसिन की उम्र महज 17 साल है। लेकिन, जब ड्राइविंग सीट पर बैठते हैं तो उनकी स्पोर्ट्स कार हवा से बातें करती है। लिहाजा लोग उन्हें रफ्तार का बादशाह कहते हैं। वह पिता को अपने जीवन की रेस का एक्सीलेटर मानते हैं। उनका कहना है कि पिता ने उसके शौक को जुनून में बदल दिया और वह पिता की झोली में छह खिताब डाल चुके हैं। शहान बुधवार (छह जुलाई) को अब नेशनल कार्टिंग चैंपियनशिप के लिए बेंगलुरू रवाना हो रहे हैं।

 

कार रेसर शहान के पिता शाहरू मोहसिन शू एक्सपोर्टर हैं। उन्होंने बताया कि बेटा पांच साल की उम्र से ही टीवी पर कार रेस ही देखता था। घर में मौजूद कार की बजाय रेसिंग कार की मांग करने लगा। उसके इस शौक को सात साल की उम्र में जुनून बनाने का फैसला ले लिया। 

दस साल पहले कार्टिंग से शुरू सफर में शहान अब तक अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के छह खिताब जीत चुका है। बेंगलुरू में 15 जुलाई से शुरू होने वाली नेशनल कार्टिंग चैंपियनशिप से पहले कैंप के लिए शहान अली बुधवार को बेंगलुरू रवाना होंगे। इसके बाद अगस्त के तीसरे हफ्ते में चेन्नई में एमआरएफ फार्मूला 2000 नेशनल कार रेसिंग चैंपियनशिप में प्रतिभाग करेंगे। 

पैसा नहीं, खिताब बेशकीमती: शाहरू मोहसिन 
शाहरू मोहसिन कहते हैं कि बेटे के करियर पर ध्यान देने से व्यवसाय 50 प्रतिशत रह गया। चिंता उस समय दूर हो जाती है, जब बेटा हाथों में खिताब लाकर देता है। खिताब मेरे लिए बेशकीमती हो जाता है। 

पापा को ढूंढती है नजर: शहान
रेसिंग के समय पापा का ध्यान कर कार दौड़ाता हूं। रेस समाप्त होने पर नजर सबसे पहले पापा को ढूंढती है। आज जिस शिखर पर हूं, सिर्फ उनकी वजह से हूं। 

चेक करती हूं किट: मां सबीना
मां सबीना बताती हैं घर से निकलने से पहले बेटे की किट हमेशा चेक करती हूं। साथ ही पति और बेटे की व्यस्तता के चलने मित्रों और रिश्तेदारों से मिलना भी काफी कम हो गया है।