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महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता पलटने के संकेत मिल रहे हैं। सोमवार को एमएलसी चुनाव में भाजपा ने शिवसेना नीत एमवीए गठबंधन को झटका दिया और इसके बाद मंगलवार को पार्टी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक के बागी हो गए हैं। इसके चलते महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना के  दिग्गज शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 15, निर्दलीय 14 और एक एनसीपी विधायक के साथ गुजरात के सूरत डेरा डाल दिया है। ये सब उद्धव ठाकरे के खिलाफ हो गए हैं। इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं।

महाराष्ट्र में एक बार फिर सत्ता पलटने के संकेत मिल रहे हैं। सोमवार को एमएलसी चुनाव में भाजपा ने शिवसेना नीत एमवीए गठबंधन को झटका दिया और इसके बाद मंगलवार को पार्टी के एक दर्जन से ज्यादा विधायक के बागी हो गए हैं। इसके चलते महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और शिवसेना के  दिग्गज शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 15, निर्दलीय 14 और एक एनसीपी विधायक के साथ गुजरात के सूरत डेरा डाल दिया है। ये सब उद्धव ठाकरे के खिलाफ हो गए हैं। इस टोली में शिंदे के अलावा 3 मंत्री और हैं। सुबह करीब 8 बजे सूरत से ही शिंदे के मुंबई छोड़ने की खबर आई।

महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हुई। 10 सीटों के लिए सोमवार को हुए चुनाव में सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी (MVA) को फिर झटका लगा है। भाजपा ने अकेले पांच सीटें जीत लीं वहीं, शिवसेना राकांपा ने दोदो सीटें जीतीं तो कांग्रेस के हाथ सिर्फ एक सीट आई। राज्यसभा चुनाव के बाद लगातार दूसरी बार एमवीए को झटके से सीएम शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की जमीन खिसकती प्रतीत हो रही है। क्रॉस वोटिंग की आशंका इसलिए गहरा गई है, क्योंकि शिवसेना को अपने 55 विधायकों समर्थक निर्दलीय विधायकों के बावजूद सिर्फ 52 वोट मिले हैं।शिवसेना और निर्दलीय मिलाकर ढाई दर्जन विधायक एकनाथ शिंदे के साथ सूरत की एक होटल में हैं। सूत्रों के अनुसार शिंदे समेत शिवसेना के 15 विधायक सूरत के ली मेरिडियन होटल में रुके हैं।

राठोड, संदीपान भुमरे, उदयसिंह राजपूत, संजय शिरसाठ, रमेश बोरणारे, प्रदीप जैसवाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत शामिल हैं। शिंदे कल से शिवसेना के संपर्क में नहीं थे। वे महाराष्ट्र में शिवसेना के वरिष्ठ नेता हैं और वर्तमान में ठाकरे सरकार में शहरी विकास मंत्री हैं। बताया गया है कि उनकी ठाकरे परिवार से अनबन चल रही है। वे पार्टी प्रमुख सीएम उद्धव ठाकरे के भी फोन नहीं उठा रहे हैं। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बहुमत के लिए 145 विधायक चाहिए। कुछ सीटें रिक्त हैं तो कुछ विधायक जेल में हैं, इसलिए प्रभावी संख्या 285 है। ऐसे में बहुमत के लिए 143 सदस्यों का समर्थन चाहिए। उद्धव ठाकरे सरकार के पास 153 विधायकों का समर्थन है। यदि शिवसेना में फूट पड़ती है तो कांग्रेस के भी कुछ विधायक टूट कर भाजपा का दामन थाम सकते हैं। भाजपा पहले से सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के 106 विधायक हैं तो राजग के मिलाकर 113 विधायक हैं। इसलिए वह दावा पेश कर इनका समर्थन हासिल कर सकती है।