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यूपी विधानसभा सत्र में हिस्सा लेने के सवाल से लेकर अखिलेश के साथ नाराजगी की खबरों पर जानिए क्या बोले आजम खान

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश की रामपुर विधानसभा सीट से सपा विधायक आजम खान ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अपनी नाराजगी के सवाल पर खुल कर बोला है। उन्होंने कहा मुझे जो प्रोटेक्शन मिला है वो न्यायपालिका से मिला है मुझे किसी से नाराजगी नहीं है। रविवार को रामपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए आजम खान ने 23 मई से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में जाने के सवाल पर भी जवाब दिया है।

मुझे किसी से नाराजगी नहीं है : आजम खान
सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराजगी के सवाल पर आजम खान ने कहा नाराज होने के लिए कोई आधार होना चाहिए। उन्होंने कहा मैं खुद ही निराधार हूं तो आधार कहा से आएगा। मैं गली में रहने वाला एक गरीब आदमी हूं। हां एक खता हुई थी कि बच्चों के हाथ में कलम देना चाहा था और चाहा है, वो मिशन आज भी जिंदा है। अगर वो यूनिवर्सिटी गिरा भी दी जाए, इस पर बुलडोजर चल भी जाये तो टूटे हुए खंडर बनी हुई इमारतों से ज्यादा इतिहास का हिस्सा बनेंगे।

सत्र में जाने के सवाल पर बोले आजम
23 मई से शुरू हो रहे यूपी विधानसभा सत्र में जाने के सवाल पर आजम ने कहा क्यों नहीं जाऊंगा। मैं चुना गया हूं और विधानसभा मेरे लिए कोई नई जगह नहीं है, उस हाउस में 10वीं बार जाऊंगा। वहीं आजम ने कहा सदस्य तो मैं लोकसभा का भी था और जिन हालात में चुनाव जीता वो सब जानते हैं। सरकार, प्रशासन, पुलिस और उस वक्त का कलेक्टर…जो नंगा नाच हुआ सबने देखा। 3 साढ़े तीन साल लोकसभा का सदस्य रहा लेकिन मुझे रहने के लिये आवास नहीं दिया गया। आजम ने कहा आजाद हिंदुस्तान का ये भी एकलौता इतिहास होगा।

जो मिलने नहीं आये उनका भी शुक्रिया
वहीं जेल में शिवपाल यादव के मुलाकात करने आने और अखिलेश के ना आने पर सपा विधायक आजम खान ने कहा मैं ना किसी के आने पर कमेंट कर रहा हूं ना किसी के ना आने पर। जो आये उनका शुक्रिया और जो नहीं आ सके किन्ही कारणों से उनका भी शुक्रिया। आजम ने अपने बयान में कहा मैं नाराज होने की हैसियत में नहीं हूं क्योंकि जो मुझे प्रोटेक्शन मिला है वो न्यायपालिका से मिला है।

कार्रवाई पर बोले आजम
वहीं सपा विधायक आजम खान ने हो रही कार्रवाई पर कहा भारतीय जनता पार्टी के किसी सांसद-विधायक ने मेरे बारे में कोई घटिया बयान नहीं दिया। जिसके लिये मैं उन्हें दोषी ठहराऊं। उन्होंने कहा वो एक एजेंडा था। क्योंकि इस बात पर कोई कैसे यकीन करेगा कि, एक यूनिवर्सिटी का फाउंडर, एक ऐसी तंग गली में रहने वाला जहां बड़ी मोटर नहीं जा सकती। एक ऐसा शख्स जिसके सिर्फ दो एकाउंट हैं वो भी उसकी सैलरी के। आजम ने कहा अगर वो माफिया है तो माफिया की परिभाषा तैयार करनी पड़ेगी। आजम ने कहा मैं उच्चतम न्यायालय का शुक्रगुजार हूं कि मुझे जमानत दी।

गौरतलब है कि आजम खान भ्रष्टाचार समेत अन्य आरोपों में दर्ज 89 मुकदमों में पिछले 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद थे। उच्चतम न्यायालय द्वारा अंतरिम जमानत दिये जाने के बाद वह गत शुक्रवार को जेल से रिहा हुए थे।