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23 टीमों को गठित करते हुए एक साथ 44 फर्मों के 44 लोकेशन पर 23 अप्रैल, 2022 को सर्च/सीजर की कार्यवाही की गयी।

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मा० मुख्यमंत्री जी, उत्तर प्रदेश के भ्रष्टाचार एवं कर चोरी के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस‘ की नीति के तहत आयुक्त, राज्य कर उत्तर प्रदेश द्वारा नोएडा/गाजियाबाद जोन में करापवंचन में लिप्त आयरन स्टील की फर्मों को चिन्हित कर इन फर्मों के विरुद्ध आधुनिक तकनीक एवं इंटेलीजेंस का प्रयोग करते हुए प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
      मा० मुख्यमंत्री जी के इस विजन का अनुसरण करते हुए नोएडा एवं गाजियाबाद जोन में कार्यरत राज्य कर के अधिकारियों के द्वारा सम्मिलित अभियान चलाते हुए नोएडा, दादरी, गाजियाबाद, हापुड़, बुलन्दशहर, सिकन्द्राबाद, बुर्जा आदि स्थानों पर करापवंचन में लिप्त कुल 49 फर्मों को चिन्हित किया गया एवं 23 टीमों को गठित करते हुए एक साथ 44 फर्मों के 44 लोकेशन पर 23 अप्रैल, 2022 को सर्च/ सीजर की कार्यवाही की गयी।
      इन फर्मों द्वारा सरकुलर चेन बनाकर लगभग रुपये 650 करोड़ का कारोबार दिखाते हुए रूपये 128 करोड़ की बोगस आई0टी0सी0 का लेन-देन वास्तविक रूप से न करके केवल कागजों में किये जाने का मामला प्रकाश में लाया गया है। इन फर्मों की पूर्ववर्ती एवं अनुवर्ती फर्मों के विरुद्ध आई०टी०सी० निरुद्ध किये जाने की कार्यवाही की जा रही है एवं इनके वास्तविक लाभार्थियों को चिन्हित करते हुए आई0टी0सी0 ब्लॉक एवं कर वसूली की कार्यवाही की जायेगी।
      इन मामलों में फर्जी प्रपत्रों के आधार पर पंजीयन लेने वाले एवं बोगस आई०टी०सी० पास ऑन करने वाले फर्मों/व्यक्तियों को चिहिन्त करते हुए कुल 24 तहरीर दी गयी हैं, जिनमें से 10 मामलों में पुलिस द्वारा प्रारम्भिक जांच के उपरान्त प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (थ्प्त्) दर्ज की गयी है।
     यहां उल्लेखनीय है कि कुछ लोगों के द्वारा सिण्डीकेट बनाकर गाजियाबाद स्थित लोहा मण्डी में एवं प्रान्त के अन्य शहरों में फर्जी प्रपत्रों के आधार पर फर्म बनाकर इनके ई-वे बिल की आड़ में कर चोरी का माल प्रदेश में व प्रदेश के बाहर भेजा जा रहा था, जिनमें ऐसे चार लोगों- राम कुमार सिंह व चन्दन कुमार सिंह पुत्र पशुपति सिंह एवं हिमांशु गुप्ता व अमित गुप्ता पुत्र विजय कुमार गुप्ता को चिन्हित किया गया एवं इनके विरूद्ध समस्त साक्ष्यों को जुटाते हुए तहरीर दी गयी, जिसके आधार पर एफ0आई0आर0 दर्ज किये जाने की कार्यवाही की गयी है। इन लोगों के द्वारा पंजीयन प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड किसी अन्य व्यक्ति का जबकि मोबाईल नं० व ई-मेल अपना प्रयोग किया गया है। करापवंचन के विरुद्ध इस तरह के अभियान निरंतर जारी रहेंगे।