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सभी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें और अपनी फाइलेरिया रोधी दवायें खाएँ

उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं शिशु कल्याण मंत्री, श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन हेतु प्रदेश सरकार आज से 19 जनपदों में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम की शुरुआत कर रही है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 17 जनपदों – गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, गाजीपुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज, बलरामपुर, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर और सुल्तानपुर में दो दवाएँ, डीईसी और अल्बेन्डाजोल एवं शेष 2 जनपदों कौशाम्बी और रायबरेली में तीन दवाएँ आईवरमेक्टिन, डीईसी और अल्बेन्डाजोल के साथ कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
श्री पाठक आज मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के शुभारंभ पर वर्चुअल माध्यम से जुड़े भारत सरकार, प्रदेश व जनपदों एवं ब्लाक के अधिकारियों, सभी डेवलेपमेंट पार्टनर्स तथा मीडिया सहयोगियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि आज से शुरू हो रहे, इस एमडीए अभियान के दौरान सरकार द्वारा लगभग रूपये 50 करोड़ मूल्य की फाइलेरिया रोधी दवाएँ स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जा कर अपने सामने निःशुल्क खिलाई जायेंगी। उन्होंने कहा कि सरकार महत्वपूर्ण स्वास्थ्य और विकास लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु निरंतर प्रयत्नशील है। कोविड-19 की विषम परिस्थितियों में भी सरकार दूसरी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रति भी अत्यंत संवेदनशील है और इनके उन्मूलन हेतु निरंतर कार्यक्रम चला रही है।
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि दिसम्बर 2021 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में लगभग 83 हजार लिम्फेडिमा और 26 हजार हाइड्रोसील मामले संज्ञान में आये हैं, जिसे सरकार ने चुनौती के रूप में स्वीकार कर इस रोग के उन्मूलन को प्राथमिकता से लिया है। उन्होंने इन क्षेत्रों के सभी जनप्रतिनिधियों से अपील करते हुये कहा कि वे अपने क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने में मदद करें ताकि लोग इन दवाओं का शत-प्रतिशत सेवन करें। उन्होंने कहा कि आज मैं भी अपनी फाइलेरिया रोधी दवायें लूँगा और आप सभी भी स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करें और उनके सामने ही अपनी फाइलेरिया रोधी दवायें खाएँ। आईये, हम सभी फाइलेरिया के संक्रमण से बचें और एक स्वस्थ उत्तर प्रदेश का निर्माण करें।
श्री पाठक ने कहा कि फाइलेरिया से मुक्त करने के लिए चलाये जा रहे अभियान को सफल बनायें और हम सब एकजुट होकर प्रदेश को फाइलेरिया से मुक्त कर, एक सशक्त और स्वस्थ राज्य के निर्माण में सहयोग करें। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोग से बचाव के लिए स्वयं, परिजनों और अपने आस-पास के लोगों द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों के सम्मुख दवाइयों का सेवन करें और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग करें, ये दवाएं पूरी तरह से सुरक्षित हैं। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुये कहा कि जिस प्रकार हमने आप सभी के सहयोग से पोलियो का उन्मूलन किया, उसी प्रकार फाइलेरिया को खत्म करेंगे और अपने प्रदेश के स्वस्थ भविष्य के निर्माण में अपना योगदान देते रहेंगे और हमें सहयोग और सहभागिता की परिभाषा को सार्थक करना होगा।