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मोदी कैबिनेट जैसा होगा योगी मंत्रिमंडल, पूर्व अधिकारियों को जगह देने के साथ ही 2024 के हिसाब से बन रहा खाका

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लखनऊः उत्तर प्रदेश की नई सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कैबिनेट का असर दिखने की संभावना है। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल को नरेंद्र मोदी सरकार 2.0 के मंत्रिमंडल की तरह गठित किया जा सकता है। जाहिर है इसके पीछे आगामी लोकसभा चुनाव है, जिसमें तीसरी बार अपना परचम लहराने के लिए पार्टी ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। बताया जा रहा है कि इस मद्देनजर योगी आदित्यनाथ की सरकार में नौकरशाही से आने वाले कई चेहरे शामिल हो सकते हैं।

नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री एस जयशंकर के अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, हरदीप सिंह पुरी, आरसीपी सिंह और जनरल वीके सिंह जैसे मंत्री अलग-अलग सेवाओं से आते हैं। इसी तरह योगी आदित्यनाथ की सरकार में भी नौकरशाही के चेहरों को शामिल करने की कवायद चल रही है। इनमें नौकरशाही से राजनीति में आए एमएलसी अरविंद शर्मा, चुनाव जीतकर आने वाले पूर्व एडीजी असीम अरुण तथा ईडी के पूर्व अधिकारी राजेश्वर सिंह शामिल हैं।

इसके अलावा मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय समीकरण को भी ध्यान में रखा जा रहा है। चुनाव के बाद कहा गया था कि बीजेपी की जीत में साइलेंट वोटर्स खासतौर पर महिला मतदाताओं का बड़ा योगदान है। ऐसे में आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की महिलाओं को अपने पक्ष में बनाए रखने की कोशिश बीजेपी की ओर से की जाएगी। इसके लिए योगी सरकार के मंत्रिमंडल में महिला मंत्रियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है।

विधानसभा चुनाव को बीजेपी ने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर लड़ा था। सपा पर हमला करते हुए बीजेपी के नेता अक्सर उसे अपराधियों को संरक्षण देने वाली पार्टी कहकर आरोपित करते थे। ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि पार्टी की स्वच्छ छवि को बरकरार रखा जाए। इसके लिए दागी विधायकों को मंत्रिमंडल से दूर रखा जा सकता है। उपमुख्यमंत्री के पद को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं। बताया जा रहा है कि दलित वोटरों को साधने के लिए बेबीरानी मौर्य को भी डेप्युटी सीएम बनाया जा सकता है। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भी डेप्युटी सीएम का पद मिल सकता है।

अमित शाह और योगी आदित्यनाथ