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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुलिस को दिया फ्री-हैंड; कहा- ‘इधर-उधर’ देखे बिना, माफिया के खिलाफ सीधी कार्रवाई करें

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मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार ने पुलिस को माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए फ्री-हैंड दिया है। माफियाओं के खिलाफ पुलिस सख्त से सख्त कार्रवाई करे, इसके निर्देश सीएम ने खुद दिए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के चारों महानगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर के वरिष्ठतम प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक में ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जल्द ही संगठित अपराध के खिलाफ एक कानून लाएंगे। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमारा समाज माफियाओं से दुखी है। मुझसे कई लोगों ने शिकायत की है। इन शिकायतों को देखते हुए मैंने पुलिस को फ्री-हैंड दिया है, ताकि वह ‘इधर-उधर’ देखे बिना माफिया के खिलाफ सीधी कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि संगठित अपराध करने वालों पर पुलिस और प्रशासन कहर बनकर टूट पड़े। मैं मध्यप्रदेश को माफिया मुक्त देखना चाहता हूं। हर प्रकार के माफिया से प्रदेश को मुक्त कराना होगा। चाहे वो जबरन वसूली वाले हो, उगाही करने वाले हों, भू-माफिया हों, ड्रग माफिया हों, सहकारिता माफिया हों, प्रदेश के नागरिकों को संगठित गिरोह बनाकर परेशान करने वालों से निजात मिलनी चाहिए।

ये दिखावा न हो, कार्रवाई होने पर जनता खुद कहे 
मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैं चाहता हूँ कि यह सिर्फ आप्टिक्स के लिए न हो अर्थात सिर्फ दिखावा न हो, सिर्फ समाचार की सुर्खियों में नहीं, माफिया के खिलाफ कार्यवाही के परिणामों का प्रमाण पत्र मैं प्रदेश की जनता से चाहता हूं। इंदौर के कारोबारी जीतू सोनी की शिकायत मुझे किसी ने एक माह पहले की थी और बताया था कि वह ब्लैकमेलिंग कर रहा है तो मैंने अपने अधिकारियों से कहा कि यह कौन शख्स है, मुझे इसकी विस्तृत जानकारी दी जाए। जब मेरे पास जानकारी आई तो मैं हतप्रभ था कि यह माफिया लंबे समय से लोगो की जमीन-जायदाद पर कब्जे और ब्लैकमेलिंग का काम करता है। इसके बाद मैंने प्रशासन को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। 

माफिया को सलाखों के पीछे डाला जाए 
मुख्यमंत्री ने कहा कि माफिया कानून के दायरे के बाहर रहकर काम करता है, उन्हें कानून की जद में लाना होगा और कड़ा दंड देना होगा। कार्यवाही ऐसी हो, जिसका जिसका संदेश प्रदेश के कोने-कोने तक जाए और माफिया अपराध करने का फिर कभी हिम्मत न कर पाए। बैठक में पुलिस मुख्यालय में आर्गेनाईज क्राइम के लिए एक अलग से ब्रांच बनाने तथा स्पेशल कोर्ट पर भी चर्चा की गई। उन्होंने स्पष्ट किया कि कपड़ों पर राजनैतिक बिल्ला देखकर कार्रवाई नहीं की जाए अर्थात कोई किसी की कितनी भी पैरवी क्यों न करे, माफिया को हर हाल में सलाखों के पीछे डाला जाए।