Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

भारत में दोबारा लॉन्च हुई पर्सनल लोन सर्विस एमआई क्रेडिट, 5 मिनट में मिलेगा 1 लाख रु. तक का लोन

चीनी टेक कंपनी श्याओमी ने अपनी पर्सनल लोन सर्विस एमआई क्रेडिट को भारतीय बाजार में दोबारा लॉन्च कर दिया है। इसके जरिए यूजर्स को सिर्फ 5 मिनट में एक लाख रुपए तक का लोन मिलेगा। ‘एमआई पे’ के बाद यह कंपनी की दूसरी फाइनेंशियल सॉल्यूशन सर्विस है। श्याओमी का कहना है कि 100% डिजिटल अप्रोच से एमआई क्रेडिट सर्विस एमआई फैन्स को तेज और सुविधाजनक तरीके से लोन मुहैया कराएगी। इसकि खासियत यह है कि यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए एमआई क्रेडिट का पूरा डेटा भारत में ही इनक्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर रहेगा। इसे सबसे पहले मई 2018 में लॉन्च किया गया था।

डाक्यूमेंट और सेल्फी अपलोड करनी होगी

  1. कंपनी ने एमआई क्रेडिट ने लेंडिंग पार्टनर के तौर पर आदित्य बिरला फाइनेंस लिमिटेड, मनी व्यू, अर्लीसैलरी, ज़ेस्टमनी और क्रेडिटविधा समेत अन्य फिनटेक ब्रांड और नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) से पार्टनरशिप की है।
  2. इसमें लोन के लिए अप्लाई करना भी बेहद आसान है। कंपनी का कहना है कि इसमें रियल टाइम अप्रूवल की सुविधा मिलती है। यूजर को महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट और सेल्फी अपलोड करनी है साथ ही लोन लेने की वजह बतानी होगी।
  3. कंपनी का कहना है कि इसमें सबसे बड़ी खूबी है इसका पेपरलेस केवाईसी फीचर है। इसकी मदद से देश के सभी बड़े बैंकों के अकाउंट में लोन आसानी से क्रेडिट किया जा सकता है।
  4. सुरक्षा के लिहाज से अमेजन वेब सर्विस क्लाउंड इंफ्रास्ट्रक्चर की मदद से एमआई क्रेडिट का पूरा डेटा भारत स्थित एमआई सर्वर में ही स्टोर किया जाएगा।
  5. श्याओमी ने कहा कि एमआई क्रेडिट सर्विस बाजार में मौजूद अन्य कंपनियों की तुलना में सबसे कम ब्याज दर से लोन मुहैया कराती है। इसके अलावा इसमें फ्री क्रेडिट रिपोर्ट जनरेशन सर्विस की सुविधा मिलेगी। इसके लिए श्याओमी ने एक्सपीरियन्स क्रेडिट रिपोर्टिंग सॉल्यूशन से हाथ मिलाया है।
  6. यह ऐप श्याओमी के सभी फोन में प्री-लोडेड ऐप के तौर पर मिलेगी, हालांकि इसे प्ले स्टोर भी डाउनलोड किया जा सकता है। कंपनी का कहना है कि इस सर्विस के जरिए अभी तक 28 करोड़ रुपए का लोन दिया जा चुका है। वर्तमान में एमआई क्रेडिट सर्विस देश के 10 राज्य में उपलब्ध है, जहां 1500 से ज्यादा पिन कोड में सुविधा दी जा रही है। वित्तीय वर्ष 2019 तक इसे 19 हजार पिन कोड तक बढ़ाने की योजना है।