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आतंकियों का संरक्षण कर पाकिस्तान ने अपनी बर्बादी को न्योता दिया है,

यूएई मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चा खोलेंगे। बीते दिनों ्रश्व के अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी पर ड्रोन टेरर अटैक हुआ है। इस हमलें पर भारत ने कहा है कि वह संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी में कई विस्फोटों को अंजाम देने वालों तक पहुंचने में “हर संभव सहायता” प्रदान करेगा।इसके अलावा अमेरिकी नागरिकों पर पाकिस्तानी आतंकियों और उनके आकाओं के हमले कई बार हो चुके हैं। पाकिस्तान में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की भी गला रेतकर हत्या कर दी गई थी।

अमेरिका पर 9/11 का हमला करने वाले आतंकी सरगना ओसामा बिन लादेन को भी शरण मिली हुई थी। ओसामा को अमेरिकी सेना के जवानों ने पाकिस्तान में घुसकर मार दिया था।यमन में हौथी विद्रोहियों द्वारा दावा कर दिया किया गया है कि उन्होंने यह हमला कराया है जिसमें दो भारतीय और एक पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। विस्फोट “छोटी उडऩे वाली वस्तुओं”, संभवत: ड्रोन के कारण हुआ है, जिससे अबू धाबी के तीन पेट्रोलियम टैंकरों को उड़ा दिया गया।

यूएई ने देश में नागरिक प्रतिष्ठानों और क्षेत्रों को लक्षित करने वाले हौथी आतंकवादी हमलों की कड़ी निंदा की है और तय किया है कि यह हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।संयुक्त अरब अमीरात के विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद अल नाहयान ने मंगलवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन कर खाड़ी देश में हुए आतंकी हमले में भारतीय लोगों के मारे जाने पर शोक व्यक्त किया।भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने इस तरह के हमले का सामना करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत की मजबूत एकजुटता से दुनिया को अवगत कराया है।

विदेश मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ अपनी सैद्धांतिक स्थिति को देखते हुए भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यूएई के साथ खड़ा रहेगा।आपको बताते चलें कि यूएई 2015 की शुरुआत से यमन में युद्ध में है और सऊदी के नेतृत्व वाले गठबंधन का एक प्रमुख सदस्य है। यद्यपि संयुक्त अरब अमीरात ने जमीन पर अपने सैनिकों की संख्या में कमी की है लेकिन यह देश सक्रिय रूप से युद्ध में लगा हुआ है और हौथियों से लडऩे वाले प्रमुख मिलिशिया का समर्थन करता है। यह यमन में आतंकवाद विरोधी अभियानों में संयुक्त राज्य अमेरिका का साथी है।

अब सम्भावनाएं हैं कि भारत पर भी ऐसे हमलें हो सकते हैं और यह हमले पाकिस्तान करा सकता है। सशस्त्र ड्रोन से हमले 2020 के अजरबैजान-आर्मेनिया संघर्ष के बाद से खबर बना रहे हैं जिसने पहली बार मानव रहित प्लेटफार्मों की घातक क्षमताओं को दिखाया है।्रश्व में भी ड्रोन से हमला हुआ है। भारत भी अपनी मजबूत सुरक्षा के लिए इस प्रकार के सशस्त्र ड्रोन के लिए विश्व स्तरीय उपकरण बना रहा है।इस बीच खबर आई है कि पाकिस्तान भी अपना काम कर रहा है। यह वही कर रहा है जो वह सबसे अच्छा करता है- सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देना। समाचार रिपोर्टों की माने तो भारतीय खुफिया एजेंसियों ने पाया है कि पाकिस्तान चीनी ड्रोन खरीद रहा है और भारत में हथियारों और ड्रग्स की तस्करी के लिए उनका इस्तेमाल करना चाहता है।