छत्तीसगढ़ में भगवान राम के वनवास काल के दौरान बिताए गए समय और उनके रहने के स्थानों को पर्यटन सर्किट के ताैर पर विकसित किया जाएगा। इसके लिए राम वनपथ गमन सर्किट बनेगा, जिसके तहत राज्य सरकार प्रदेश के 51 स्थानों को विकसित करेगी। विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले गुरुवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगा दी गई। इसके साथ ही बैठक में अनुपूरक बजट के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। सरकार ने यह भी तय किया है कि 25 नवंबर को सत्र की शुरुआत वाले दिन अनुपूरक बजट लाएगी।
छत्तीसगढ़ अस्मिता प्रतिष्ठान के शोध के आधार पर तय किया गया है सर्किट
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय किया गया कि छत्तीसगढ़ में जिन स्थानों से भगवान राम गुजरे हैं उसे पर्यटन सर्किट के तौर पर विकसित किया जाएगा। पहले चरण के लिए 8 स्थानों को चिन्हित कर लिया गया है। इसका शुभारंभ रायपुर के आरंग स्थित चंद्रखुरी में माता कौशल्या मंदिर स्थल का विकास कार्यों के साथ होगा। राज्य सरकार इन स्थनों पर पहुंच मार्ग, साईनेजेस, पर्यटक सुविधा केंद्र, इंटरप्रिटेशन सेंटर, वैदिक विलेज, पगोड़ा, वेटिंग शेड, मूलभूत सुविधाएं, सिटिंग बेंच, रेस्टोरेंट, वॉटर फ्रंट डेवलपमेंट, विद्युतीकरण करेगी।
- पहले चरण में इन आठ स्थानों को किया जाएगा विकसितस्थानजिलासीतामढ़ी-हरचौकाकोरियारामगढ़सरगुजाशिवरीनारायणजांजगीर-चांपातुरतुरियाबलौदाबाजार-भाटापाराचंद्रखुरीरायपुरराजिमगरियाबंदसिहावा (सप्त ऋषि आश्रम)धमतरीजगदलपुरबस्तर
- माना जाता है कि छत्तीसगढ़ में कोरिया जिले की भरतपुर तहसील में मवाई नदी से होकर सीतामढ़ी-हरचौका नामक स्थान से भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था। इसको लेकर छत्तीसगढ़ अस्मिता प्रतिष्ठान की ओर से शोध भी किया गया है। अब भगवान राम के इन स्थलों के विकास के लिए चार विभागीय टीम बनाकर सर्वे कराया जाएगा। मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में हैं, जन-जन में हैं। राम ने छत्तीसगढ़ में अपने वनवास के 10 वर्ष गुजारे हैं। हम पहले चरण में 8 स्थानों को विकसित करेंगे। कुल 51 स्थानों को विकास किया जाएगा।
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