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पिंक बॉल से टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता नहीं बढ़ेगी, इसके लिए छोटे सेंटरों में मैच कराने होंगे: हरभजन

. पूर्व भारतीय स्पिनर हरभजन सिंह का कहना है कि डे-नाइट टेस्ट मैच कराने से टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता नहीं बढ़ेगी। उनके मुताबिक किसी नए तरीके या नई गेंद से खेलने की वजह से दर्शक स्टेडियम तक नहीं आएंगे, बल्कि मैचों को छोटे सेंटरों पर कराने से ज्यादा फायदा होगा। अपने फेवरेट क्रिकेटरों को देखने के लिए वहां लोग जरूर आते हैं। हरभजन ने ये बात भारत और बांग्लादेश के बीच 22 नवंबर से शुरू होने वाले डे-नाइट टेस्ट को लेकर एक प्रमोशनल इवेंट के दौरान कही।

हरभजन ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि गुलाबी गेंद से मैच देखने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोग स्टेडियम में आएंगे। टेस्ट क्रिकेट को लेकर आपको कुछ अलग करना होगा। मुझे लगता है कि इस फॉर्मेट को छोटे शहरों पर ले जाना होगा, जहां लोगों ने अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को अबतक खेलते हुए नहीं देखा है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए मैच को मोहाली की जगह अमृतसर लेकर जाइए। लोग इसे देखने के लिए वहां जरूर आएंगे। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि फॉर्मेट कौन सा है, आप लाल गेंद से खेल रहे हैं या गुलाबी गेंद से। खेल को छोटे शहरों में लाना एक अच्छा उपाय साबित हो सकता है।’

मजबूत टीमों के मैच देखने ही लोग आएंगे

दर्शकों को मैदान तक लाने को लेकर सलाह देते हुए हरभजन ने कहा, ‘अगर आपके पास दो मजबूत टीमें हैं जो एक-दूसरे के खिलाफ खेल रही हैं, तो उसी स्थिति में लोग खेल का मजा लेने के लिए आएंगे। इसके साथ ही मेरी नजर में एक और महत्वपूर्ण कारक ये भी है कि स्टेडियमों में लोगों के लिए बहुत ज्यादा बुनियादी ढांचा नहीं है। वहां अच्छे शौचालय और सीट्स नहीं हैं, इसलिए लोग अपने घर पर ही रहना पसंद करते हैं।’

हरभजन ने कहा- स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है

मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को लेकर क्रिकेट से ब्रेक लेने वाले ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ग्लेन मैक्सवेल, निक मेडिसन और विल पुकोवस्की के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि ये आपका खुद का फैसला है और आपको पता है कि आप किन चीजों से गुजर रहे हो। स्वास्थ्य पहले आता है, ये मायने नहीं रखता कि आप क्या कर रहे हो। आप अन्य तरीकों से भी पैसा कमा सकते हो लेकिन आखिरी में स्वास्थ्य ही धन है।’ आगे उन्होंने कहा, ‘कई चीजें हैं जो आपको कमजोर कर सकती हैं, लेकिन आपको खुद से ये कहते रहना होगा कि ‘ये चला जाएगा’। आपको मजबूत बने रहना होगा और आगे बढ़ते रहना होगा।’