प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के कोरोना टीकाकरण कार्यक्रम की तारीफ करते हुए भारत की विकास दर को दुनिया में सबसे तेज गति वाला बताया है। यूएन ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 में भारत की विकास दर 6.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो विश्व में सबसे तेज विकास दर होगी। यूएन ने वर्ल्ड इकोनॉमिक सिचुएशन एंड प्रोस्पेक्ट्स 2022 रिपोर्ट में कहा है कि वैश्विक विकास दर केवल चार प्रतिशत रहेगी।
प्रधानमंत्री मोदी की अद्भुत नेतृत्व क्षमता और उनकी नीतियों पर न सिर्फ देशवासी बल्कि विदेशी निवेशक भी भरोसा करते हैं। कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच टीकाकरण में तेजी और प्रधानमंत्री मोदी ने जिस तरह से मोर्चा संभाला है, उससे लोगों का भरोसा मजबूत हुआ है। आर्थिक गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने लगी हैं। इसी का असर है कि इस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के तेजी से बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसकी वजह मुख्य रूप से कृषि और विनिर्माण क्षेत्रों के प्रदर्शन में सुधार को बताया जा रहा है।
भारत वर्ष 2030 तक जापान को पीछे छोड़कर एशिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएचएस मार्किट ने अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया कि वर्ष 2030 तक भारतीय अर्थव्यवस्था ब्रिटेन और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे पायदान पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी 2030 में बढ़कर 84 खरब डॉलर होने का अनुमान है, जो फिलहाल 27 खरब डॉलर है। रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में भारत की विकास दर 8.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना संकट काल में भी देश की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। इस कोरोना काल में भी भारत की वृद्धि दर दुनिया में सबसे ऊंची रहने की उम्मीद है। प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा है कि भारत बेहतर वृहद आर्थिक मानदंडों के आधार पर मुश्किल समय से बाहर निकल आया है। हम सामान्यीकरण की दिशा में धीरे-धीरे कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी बजट में सरकार द्वारा मजबूती के पथ पर कायम रहने की घोषणा से नियंत्रण मिलेगा।
इसके पहले हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि चालू वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 9.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। रिजर्व बैक के गवर्नर शक्तिकांत दास के अनुसार आर्थिक गतिविधियों में तेजी के संकेत सुधार को दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर का असर कम हो गया और दूसरी तिमाही से आर्थिक विकास और बेहतर होगा। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने महामारी के चलते आर्थिक वृद्धि पर ज्यादा जोर देने का फैसला किया।
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