Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

Dara Singh Chauhan: दारा सिंह चौहान 16 जनवरी को सपा में होंगे शामिल, शुक्रवार को स्वामी प्रसाद मौर्य हुए सपाई

हाइलाइट्सदारा सिंह चौहान लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता भी रहे2014 के लोकसभा चुनाव में वह BJP के हरिनारायण राजभर से पराजित हो गएइसके बाद वर्ष 2015 में वह दिल्‍ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थेलखनऊ
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर पिछड़ों, दलितों, वंचितों, किसानों और बेरोजगारों की उपेक्षा का आरोप लगाकर उत्‍तर प्रदेश सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले भाजपा विधायक दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) 16 जनवरी को समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे। चौहान के करीबी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी।

चौहान के करीबी सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि नोनिया (चौहान) बिरादरी से आने वाले दारा सिंह चौहान ने 12 जनवरी को योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर पिछड़ों, दलितों, वंचितों, किसानों और बेरोजगारों की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बात की चर्चा थी कि स्‍वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के साथ ही चौहान भी शुक्रवार को समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे, लेकिन वह शुक्रवार को सपा में नहीं गए। संपर्क साधने पर उनके एक करीबी ने बताया कि 16 जनवरी को वह अपने समर्थकों के साथ समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

पूर्वी उत्‍तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के मूल निवासी दारा सिंह चौहान मऊ जिले की मधुबन विधानसभा सीट से 2017 में विधायक चुने गए और योगी की सरकार में वन एवं पर्यावरण मंत्री बने। इसके पहले चौहान 1996 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर राज्‍यसभा के लिए निर्वाचित हुए, लेकिन कार्यकाल पूरा होने से पहले ही वह सपा में शामिल हो गए। दोबारा उन्‍हें समाजवादी पार्टी ने राज्‍यसभा में भेजा और 2006 तक चौहान राज्‍यसभा के सदस्‍य रहे। बाद में वह फ‍िर बसपा में वापस लौट आए और 2009 में घोसी लोकसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर सांसद निर्वाचित हुए।

चौहान लोकसभा में बसपा संसदीय दल के नेता भी रहे, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में वह भारतीय जनता पार्टी के हरिनारायण राजभर से पराजित हो गए। इसके बाद वर्ष 2015 में वह दिल्‍ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे और भाजपा नेतृत्‍व ने उन्‍हें भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा का राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष बनाया था।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे (UP Election results) आएंगे। यूपी में सात चरणों (Seven Phase) के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान (Voting) होगा।

10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण (Second Phase) 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण (Third Phase) में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण (Fourth Phase) में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण (Fifth Phase) में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें (Seventh Phase) और अंतिम चरण (Last Phase) का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है।

17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।