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UP Elections: सियासी दलों में भगदड़, पूर्व मंत्री सईदुज्जमां के बेटे सलमान सईद बीएसपी में शामिल, बसपा ने इस सीट से बनाया उम्मीदवार

शादाब रिजवी, मेरठ
वेस्ट यूपी में सियासी दलों में भगदड़ सी मची हुई है। नेता अपने दल को छोड़कर दूसरे दलों में जा रहे हैं। कांग्रेस को एक और झटका लगा है। मुजफ्फरनगर के कद्दावर नेता सूबे के पूर्व गृहमंत्री सईदुज्जमां के बेटे सलमान सईद गुरुवार को बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए।

वेस्ट यूपी के पुराने कांग्रेस नेताओं में शुमार पूर्व मंत्री सईदुज्जमां के बेटे सलमान सईद को बसपा ने मुजफ्फरनगर की चरथावल विधानसभा सीट से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। 2016 के उपचुनाव में वह कांग्रेस के टिकट पर सदर सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। सलमान के दादा सईद मुर्तजा बीकेडी के टिकट पर 1969 में विधायक और 1977 में सांसद रहे हैं। पिता सईदुज्जमां 1985 में मोरना से विधायक और 1999 में मुजफ्फरनगर से सांसद रहे हैं। अभी तक बसपा ने चरथावल से अरशद राना को प्रत्याशी बनाया हुआ था। सलमान के टिकट मिलने के बाद फेसबुक पोस्ट में लिखा कि बसपा के वेस्ट यूपी प्रभारी शमसुद्दीन राइन ने अगर मेरा चुनाव के नाम पर लिया गया पैसा वापस नहीं किया, तब वह लखनऊ में मायावती के आवास पर आत्मदाह करेंगे।

नोमान मसूद भी बीएसपी में शामिल
गंगोह के पूर्व चेयरमैन नोमान मसूद अपने पुत्र हमजा मसूद, पूर्व जिला पंचायत सदस्य संदीप वर्मा रंधेडी व पूर्व प्रधान महबूब खानपुर के साथ बसपा में शामिल हो गए थे। चार माह पहले ही नोमान मसूद कांग्रेस को छोड़कर रालोद में आए थे। रालोद से उनको गंगोह से टिकट नहीं मिलता देख नोमान ने रालोद छोड़कर बसपा का हाथ थाम लिया। उन्होंने मायावती से मुलाकात की और बसपा से गंगोह के लिए टिकट की दावेदारी भी कर दी। उनका टिकट कन्फ़र्म करते हुए मायावती ने ट्वीट किया। नोमान मसूद कांग्रेस छोड़ने वाले इमरान मसूद के भाई हैं। नोमान के चाचा काजी रसीद मसूद बड़ा सियासी चेहरा हैं। नोमान मसूद ने 2017 में कांग्रेस के टिकट पर गंगोह से चुनाव लड़ा था।

इससे पहले सहारनपुर देहात सीट से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर भी कांग्रेस का दामन छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। पूर्व विधायक और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रहे इमरान मसूद के तीन दिन पहले सपा में शामिल हो गए थे। सहारनपुर की बेहट सीट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी भी कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Election 2022) का ऐलान चुनाव आयोग ने 8 जनवरी को किया। 403 सीटों वाली 18वीं विधानसभा के लिए 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में वोट पड़ेंगे। 10 मार्च को चुनाव के नतीजे (UP Election results) आएंगे। यूपी में सात चरणों (Seven Phase) के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान (Voting) होगा।

10 फरवरी को पहले चरण (First Phase) में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण (Second Phase) 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण (Third Phase) में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण (Fourth Phase) में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवे चरण (Fifth Phase) में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें (Seventh Phase) और अंतिम चरण (Last Phase) का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 17वीं विधानसभा का कार्यकाल (UP Assembly ) 15 मई तक है।

17वीं विधानसभा के लिए 403 सीटों पर चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च 2017 तक 7 चरणों में हुए थे। उस चुनाव में बीजेपी ने 312 सीटें जीतकर पहली बार यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Vidhansabha) में तीन चौथाई बहुमत हासिल किया। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की अगुवाई में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) गठबंधन 54 सीटें जीत सका। इसके अलावा प्रदेश में कई बार मुख्यमंत्री रह चुकीं मायावती (Mayawati) की बीएसपी (Bahujan Samaj Party) 19 सीटों पर सिमट गई। इस बार सीधा मुकाबला समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भाजपा (Bharatiya Janata Party) के बीच माना जा रहा है। भाजपा योगी आदित्यनाथ ( Yogi Adityanath) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चेहरे को आगे कर चुनाव लड़ रही है।