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‘सनातन धर्म बचाने के लिए योगी को दोबारा लाना जरूरी’, बोले अखाड़ा परिषद के नए अध्‍यक्ष

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प्रयागराज में हुई बैठक में अखाड़ा परिषद का नया अध्यक्ष चुना गया13 अखाड़ों में 8 ने किया समर्थनसात ने सीधे तौर पर बैठक में शामिल हुए अखाड़ेप्रयागराज
भले ही उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन बीजेपी को अभी से ही साधु-संतों का समर्थन मिलने लगा है। प्रयागराज के दारागंज में अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष पद पर श्री पंचायती निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी महाराज के नाम का एलान सोमवार को कर दिया गया है। वहीं, अध्यक्ष चुने के जाने के बाद श्री निरंजनी अखाड़ा के रविंद्र पुरी ने केंद्र और प्रदेश सरकार का समर्थन करते हुए हमेशा साधु-संतों को अपना समर्थन देने की बात कही।

अखाड़ा परिषद के नए अध्यक्ष ने यह भी कहा कि योगी ही ऐसे हैं, जो साधु-संतों के मापदंडों पर खरे उतरते हैं, क्योंकि वह एक संत हैं। इसलिए हम लोग हमेशा योगी का समर्थन करते रहेंगे और लोगों से अपील करेंगे कि वह भी योगी आदित्यनाथ का समर्थन करें।

वहीं, अखाड़े के महामंत्री हरी गिरी का दावा है कि सात अखाड़ों के प्रतिनिधियों ने बैठक में सीधे तौर पर हिस्सा लिया, जबकि निर्मोही अखाड़े के मदन मोहन दास ने पत्र भेजकर सोमवार की बैठक का समर्थन किया। इस तरह कुल तेरह अखाड़ों में आठ अखाड़ों के समर्थन से रवींद्र पुरी महराज को सर्वसम्मति से नया अध्यक्ष चुना गया है। अखाड़ा परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि आज की बैठक अखाड़ा परिषद के नियम और परंपरा के अनुसार हुई है।

साधु-संतों का समर्थन योगी को हमेशा रहेगा
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरी गिरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद के नियमों के मुताबिक, अध्यक्ष पद पर महंत नरेंद्र गिरी का कार्यकाल जब तक बचा हुआ है, तब तक के लिए निरंजनी अखाड़े के ही किसी प्रतिनिधि को दिया जाता है। ऐसे में हरिद्वार में 21 अक्टूबर को हुई बैठक का कोई औचित्य ही नहीं है। उन्होंने कहा कि आगे जो भी अखाड़े बैठक में शामिल नहीं हुए या नाराज चल रहे हैं, उन्हे मना लिया जाएगा।