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Editorial:पाकिस्तान पोषित आतंकी ही उसके अंत की पटकथा लिख रहे हैं

25-10-2021

आतंक का नाम सुनते ही सबसे पहले एक ही देश की छवि मन-मस्तिष्क में उभरती है, वो है पाकिस्तान। भारत का पड़ोसी देश पाकिस्तान एक आतंकी देश है इसमें कोई संदेह नहीं है। अब तक यह देश न सिर्फ आतंकियों को शह देता था, बल्कि उनका बचाव भी करता था। हालांकि, अब सभी आतंकी संगठन एक साथ मिलकर पाकिस्तान में ही अपने आतंक का तांडव आरंभ कर चुके हैं। यह तांडव इतना विकराल है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अपने गृहमंत्री की छुट्टियां रद्द कर उन्हें वापस बुलाना पड़ा है, जो टी20 मैच देखने दुबई गए थे।

दरअसल, आज भारत-पाकिस्तान का टी20 विश्व कप मुकाबला खेला जाना है। इस मैच का लुत्फ उठाने के लिए पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद दुबई पहुंचे थे। वह ऐसे समय में दुबई गए, जब कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान में हिंसक प्रदर्शन को अंजाम दे रहा है तथा इस आतंकी देश में चारो ओर आतंक का ही जलजला है। अब रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने उनकी छुट्टियां रद्द कर, उन्हें वापस पाकिस्तान बुला लिया है। ्रश्व रवाना होने से पहले शेख रशीद ने मीडिया को बताया था कि लाइव मैच देखने के लिए प्रधानमंत्री ने उनकी दो दिन की छुट्टी मंजूर कर दी है, लेकिन अब उन्हें बिना मैच देखे ही वापस आना पड़ गया है।

पाकिस्तान में सिर्फ दुर्दांत आतंकी संगठनों द्वारा ही आतंक नहीं फैलाया जा रहा है, बल्कि विपक्षी दलों के प्रदर्शनों के कारण अराजकता और हिंसा ज्यादा बढ़ गई है। कई विपक्षी दल पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में इमरान खान की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान जैसे देश में कोई प्रदर्शन हो, तो उसका हिंसक होना स्वाभाविक है। रिपोर्ट की मानें तो ञ्जरुक्क ने शुक्रवार को इमरान खान की सरकार के खिलाफ मार्च निकालने की घोषणा की है। यह मार्च इस्लामाबाद तक होने की आशंका है। यही कारण है कि इमरान खान खौफ में हैं और अपने गृहमंत्री को दुबई से वापस बुला लिया है।

ञ्जरुक्क के ये समर्थक अपने मुखिया साद हुसैन रिजवी की रिहाई की मांग कर रहे हैं। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार पुलिस ने ञ्जरुक्क के मुखिया को 12 अप्रैल को ही हिंसा भड़काने के आरोप में हिरासत में लिया था। आपको यह सुनकर हास्यास्पद लगेगा कि पाकिस्तानी सरकार ने ञ्जरुक्क को प्रतिबंधित कर दिया था, लेकिन अब उसी संगठन के कारण सरकार खौफ में है।

 हालांकि, पाकिस्तान सरकार किसी आतंकी संगठन को प्रतिबंधित करे या संरक्षण दे, बात एक ही है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ ञ्जरुक्क ही पाकिस्तान में आतंक का तांडव कर रही है, इसके अलावा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (ञ्जञ्जक्क) ने इमरान खान की सरकार के नाम में दम कर रखा है। पाकिस्तान ने जितने भी आतंकी संगठनों को पाल-पोसकर बड़ा किया है वो सभी अब पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं।

जब से पाकिस्तान का उदय हुआ है, तब से ही वहां आतंकवाद फैक्ट्री फल-फूल रही है। दुनिया के किसी भी कोने में किसी भी प्रकार की आतंकी घटना घटे, तो उसका तार पाकिस्तान से ही जुड़ा हुआ पाया जाता है। यूरोप हो, अमेरिका हो, मध्य एशिया हो या अफ्रीका, भारत हो या श्रीलंका, इन देशों के कोने-कोने से आतंकी वारदात की खबरें सामने आती हैं, जिसका कनेक्शन घूम-फिर कर पाकिस्तान से ही निकलता है।

अगर हम पाकिस्तान के आतंकी संगठनों द्वारा किए गए हमलों को गिनने बैठें, तो सुबह से शाम हो जाएगी लेकिन लिस्ट समाप्त नहीं होगी। पाकिस्तान, भारत से तो मुस्लिमों के लिए एक अलग देश के रूप में अलग हुआ था लेकिन आज यह देश बचा ही नहीं, बल्कि एक आतंकी सोच बन कर रह गया है जो अब उसे ही बर्बाद कर रहा है।

पाकिस्तान आरंभ से ही भारत को कमजोर करने के लिए छद्म आतंकवादियों का इस्तेमाल करते आ रहा है। कश्मीर में भारत के खिलाफ लडऩे के लिए लश्कर-ए-तैयबा (रुद्गञ्ज) और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे आतंकवादी संगठन पाकिस्तान सरकार के पसंदीदा हथियार रहे हैं। कश्मीर को भारत के नियंत्रण से छीनने का रुद्गञ्ज का एजेंडा और पाकिस्तान के सा?थ उसका हाथ मिलाना, वहां की सरकार के अपने सामरिक हितों के अनुरूप था और उसने इस गुट को कई बरसों से व्यापक वित्तीय, लॉजिस्टिकल तथा सैन्य सहायता उपलब्ध करायी है।

हालांकि, इन संगठनों ने पाकिस्तानी सरकार को अपने इशारों पर नचाया है और मौका मिलते ही ये तख्तापलट में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान स्वयं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी कबूल कर चुके हैं कि उनके देश में अभी भी 30,000 से 40,000 आतंकवादी मौजूद हैं, जिन्हें अफगानिस्तान और कश्मीर के हिस्सों में ट्रेनिंग दी गई है।

एक के बाद एक कई आतंकी संगठनों और विपक्षी दलों का पाकिस्तान की इमरान सरकार के खिलाफ उठ खड़ा होना यह दिखाता है कि अब पाकिस्तानी सरकार के दिन लद गए हैं। अफगानिस्तान की तरह ही अब पाकिस्तान पर भी आतंकियो के राज की सिर्फ औपचारिकता भर रह गयी है। अगर यह कहा जाए कि पाकिस्तान ने अपने लिए एक फ्रैंकेंस्टाइन राक्षस बनाया जो अब उसे ही निगलने जा रहा है, तो यह गलत नहीं होगा।