लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा में मारे गए थे आठ लोगकेंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा का बेटा हुआ गिरफ्तारयूपी सरकार ने एसआईटी की है गठित, घटना का हुआ रीक्रेएशनलखीमपुर/लखनऊ
दोपहर सवा एक बजे का वक्त। लखीमपुर का तिकुनिया गांव। पुलिस ने तीन पुतलों को किसान बताते हुए रास्ते में खड़ा कर दिया। कुछ लोग रास्ते के दोनों तरफ काले झंडे लेकर खड़े किए गए। इसके बाद एक पुरानी थार पुतलों को टक्कर मारते हुए आगे बढ़ गई। उसके पीछे एक्सयूवी-700 (फॉर्च्यूनर के बजाय) और स्कॉर्पियो भी थीं। एसआईटी ने गुरुवार को लखीमपुर हिंसा का सीन कुछ इस तरह रिक्रिएट किया।
पुलिस ने सुबह सबसे पहले अंकित दास, शेखर भारती और लतीफ को जेल से कस्टडी में लिया। इसके बाद तीनों को पुलिस लाइंस ले जाया गया, जहां आशीष उर्फ मोनू पहले से मौजूद था। वहां चारों से दो घंटे तक पूछताछ हुई। इसके बाद चारों को अलग-अलग गाड़ियों से घटनास्थल ले जाया गया।
50 मिनट तक चला रीक्रिएशन
50 मिनट तक चले सीन रीक्रिएशन के दौरान मौके पर एसआईटी के अध्यक्ष उपेंद्र अग्रवाल, एसपी सुनील कुमार सिंह, एएसपी अरुण कुमार सिंह समेत बाकी सदस्य, फरेंसिक टीम और बड़ी संख्या में आरएएफ व पीएसी के जवान मौजूद थे।
लखीमपुर खीरी पहुंची एसआईटी
बस के कारण नहीं निकल पाई थी थार
सूत्रों के मुताबिक शेखर ने पुलिस को बताया कि किसानों को टक्कर मारने के बाद जब थार आगे बढ़ रही थी, तभी वहां से एक बस गुजरी। इससे वह आगे निकल नहीं पाई और बचने के चक्कर में रास्ते के बाईं तरफ पलट गई। फॉर्च्यूनर को रास्ता साफ मिला लेकिन वह भी आगे जाकर दाई तरफ पलट गई। लेकिन स्कॉर्पियो मौके से निकलने में कामयाब रही।
रीक्रिएशन
रिमांड पूरी होने से पहले भेजा गया जेल
पुलिस टीम ने अंकित, शेखर व लतीफ से यह समझने की कोशिश की कि गाड़ी पलटने के बाद वे कैसे बचकर निकले? कहां भागे और फिर क्या किया? इसके बाद पुलिस सबको लेकर दंगल स्थल पहुंची। वहां पूछताछ के बाद सबको पुलिस लाइंस ले जाया गया। वहां से देर रात अशीष को रिमांड पूरी होने से 14 घंटे पहले ही जेल भेज दिया गया।
जांच करती एसआईटी
कैसे सुलग उठा लखीमपुर?
उत्तर प्रदेश के डेप्युटी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का लखीमपुर में एक कार्यक्रम था, जिसका स्थानीय किसान विरोध कर रहे थे। मौर्य को रिसीव करने कुछ गाड़ियां जा रही थी, जो केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की बताई गईं। रास्ते में तिकुनिया इलाके में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से किसानों के ऊपर गाड़ी चढ़ा दी गई। इस हादसे में 4 किसानों की मौत हो गई। इससे वहां हिंसा भड़क उठी और बीजेपी नेता के ड्राइवर समेत चार लोगों की भी जान चली गई।
घटना का किया गया रीक्रिएशन
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