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राम मंदिर की नींव का काम पूरा, 2023 से गर्भगृह में भगवान देंगे दर्शन

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15 नवंबर से प्लिंथ निर्माण का कार्य भी शुरू हो विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर के पत्थरों से मंदिर के प्लिंथ का निर्माण कार्य शुरू होगाडेढ़ मीटर मोटीराफ्ट निर्माण का कार्य 15 नवम्बर तक पूरा हो जाएगासाक्षी श्रीवास्तव, अयोध्या
अयोध्या में बन रहे राम मंदिर के निर्माण का कार्य तेज गति से चल रहा है। 2023 के दिसंबर तक गर्भगृह में भगवान के दर्शन शुरू हो जाएंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि नींव के लिए भूमि को मज़बूत करने का काम सितंबर में पूरा हो गया है। अब 15 नवंबर से प्लिंथ (स्तंभ के नीचे का हिस्सा) निर्माण का कार्य भी शुरू हो जाएगा।

‘नींव भराई का काम पूरा’
चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर निर्माण कार्य में 15 नवम्बर से विंध्यवासिनी धाम मिर्जापुर के पत्थरों से मंदिर के प्लिंथ का निर्माण कार्य शुरू होगा। जिससे मार्च 2022 तक में राम मंदिर का प्लिंथ दिखने लगेगा। अयोध्या में राममंदिर निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है। डेढ़ मीटर मोटीराफ्ट निर्माण का कार्य 15 नवम्बर तक पूरा हो जाएगा। 17 ब्लॉक भरने का काम पूरा होगा। रात्रि में कम तापमान में राफ्ट निर्माण का काम होता है, जोकि दिन में बन्द रहता है। 15 नवम्बर के बाद फर्श को ऊंचा कर प्लिंथ का निर्माण शुरू होगा। सितंबर में अब तक नींव भराई का काम पूरा हो चुका है।

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’45 हजार घनफुट पत्‍थर पहले से तराशे जा चुके’
मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर परिसर के 70 एकड़ में भी काम को मंदिर के पूरे निर्माण के साथ 2025 तक पूरा करने का लक्ष्‍य है। मंदिर के पूरे निर्माण में कुल 12 लाख घनफुट पत्‍थर लगेंगे। मंदिर के आर्किटेक्‍ट निखिल सोमपुरा के मुताबिक, करीब 45 हजार घनफुट पत्‍थर पहले से तराशे जा चुके हैं। बाकी के पत्‍थरों को तराशने के काम में तेजी लाने के लिए मशीनों का प्रयोग भी होगा। मंदिर निर्माण में मिर्जापुर और राजस्‍थान के पत्‍थरों के अलावा संगमरमर और ग्रेनाइट का भी प्रयोग होगा। नदी के प्रवाह से बचाने के लिए मंदिर के किनारे मजबूत दीवार का भी निर्माण किया जाएगा।

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