कानपुर में तैनात रहे वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने धार्मिक साहित्य संबंधी तीनों किताबें किस प्रिंटिंग प्रेस से छपवाई थीं, एसआईटी इसकी जानकारी नहीं कर सकी है। इसी वजह से उसकी जांच रिपोर्ट दो दिन से अटकी है।
इस संबंध में जानकारी के लिए एसआईटी अब आखिरी प्रयास कर रही है। इस बीच, मंगलवार को एसआईटी सदस्य एडीजी जोन कानपुर लखनऊ रवाना हो गए। बुधवार को एसआईटी अध्यक्ष के साथ बैठक में तय होगा कि रिपोर्ट कब सौंपनी है? सूत्रों के मुताबिक, साठ से अधिक वीडियो में आठ से नौ घंटे की रिकॉर्डिंग थी।
इसमें जो आपत्तिजनक कंटेंट था, उसे एसआईटी ने अलग कर लिया है। वह तकरीबन 20 जीबी का है, जिसे तीन हार्डडिस्क में सुरक्षित किया गया है। जांच रिपोर्ट में ये हार्डडिस्क भी शासन को सौंपी जाएगी। साथ ही पूरे वीडियो भी अलग से सौंपे जाएंगे।
उधर, एसआईटी ने जांच के दौरान इफ्तिखारुद्दीन द्वारा लिखी हुई तीन किताबें बरामद की थीं। इनमें शुद्ध भक्ति, शुद्ध धर्म और उपासना शीर्षक से प्रकाशित किताबें शामिल हैं। पूछताछ में इफ्तिखारुद्दीन ने किताबों के लेखन से लेकर छपवाने की बात कबूली थी, लेकिन कहां से प्रकाशित कराया, इसकी जानकारी नहीं दी।
जांच पूरी होने के बाद एसआईटी अब इस तथ्य की जानकारी के प्रयास में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक, पता चला तो इस बिंदु को जांच रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। अन्यथा, इसके बगैर ही शासन को रिपोर्ट दे दी जाएगी।
कानपुर में तैनात रहे वरिष्ठ आईएएस मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने धार्मिक साहित्य संबंधी तीनों किताबें किस प्रिंटिंग प्रेस से छपवाई थीं, एसआईटी इसकी जानकारी नहीं कर सकी है। इसी वजह से उसकी जांच रिपोर्ट दो दिन से अटकी है।
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